जांच पूरी होने में अभी लगेगा कुछ ओर समय
चौधरी से हादसे को लेकर किये गये थे सवाल
8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर हादसे में CDS बिपिन रावत समेत 12 सैन्यकर्मियों की हुई थी मौत
नेशनल डेस्क: एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने शनिवार को कहा कि तीनों सेवाओं के अधिकारियों को ले कर बनाए गए जांच दल की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ एक निष्पक्ष प्रक्रिया होगी और इस दल को घटना के प्रत्येक पहलू की जांच करने को कहा गया है। चौधरी ने डुंडीगल में वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड के इतर संवाददाताओं से कहा कि जांच को पूरा होने में ‘कुछ और सप्ताह लगेंगे’। उन्होंने कहा, ‘मैं कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के परिणाम को लेकर पहले से कोई संभावना नहीं जताना चाहता, क्योंकि यह एक समग्र प्रक्रिया है। उन्हें (एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह को) अधिकार दिया गया है कि हरेक पहलू की जांच की जाए और हर पहलू पर गौर किया जाए कि क्या गलत हुआ होगा और उसी आधार पर उचित सिफारिशें की जाएं तथा निष्कर्ष निकाला जाए।’
चौधरी से जांच से जुड़ी जानकारियों और हेलीकॉप्टर हादसे संबंधी परिस्थितियों को लेकर सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने यह टिप्पणी की। तमिलनाडु के कुन्नूर में आठ दिसंबर को हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण भारत के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष, उनकी पत्नी और 12 अन्य सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि मैं इस बारे में जल्दबाजी में कोई घोषणा नहीं करूं कि इसका (हादसे का) कारण क्या हो सकता है या हम इसके लिए क्या प्रतिकारात्मक कदम उठाने जा रहा है, इसलिए हमें कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी पूरी होने तक कुछ और सप्ताह के लिए इंतजार करना होगा। मैं आपको यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि यह अत्यंत निष्पक्ष प्रक्रिया है।”
हेलीकॉप्टर हादसे के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में सूचित किया था कि एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में तीनों सेवाओं के दल ने दुर्घटना की जांच आरंभ कर दी है।
इससे पहले, चौधरी ने यहां पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध की प्रकृति में मूलभूत परिवर्तन हो रहे हैं और भारत के सुरक्षा परिदृश्य में बहुआयामी खतरे एवं चुनौतियां शामिल हैं, जिनके लिए कई क्षेत्रों में क्षमता निर्माण की आवश्यकता होगी। चौधरी ने कहा कि वायु सेना राफेल विमान, अपाचे हेलीकॉप्टर और व्यापक अत्याधुनिक प्रणालियों को शामिल करके एक अत्यधिक शक्तिशाली वायु सेना में बदल रही है।
उन्होंने कहा, ‘युद्ध की प्रकृति में मूलभूत बदलाव आ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में नई प्रौद्योगिकी और मौलिक रूप से नए सिद्धांत सामने आए हैं। भारत के सुरक्षा परिदृश्य में बहुआयामी खतरे और चुनौतियां शामिल हैं। इनसे निपटने के लिए हमें कई क्षेत्रों में क्षमताओं की आवश्यकता होगी और हमें हमारे सभी अभियानों को एक साथ और कम समय में पूरा करना होगा।’