आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने की खारिज
आशीष मिश्रा को अभी जेल में रहना पड़ेगा
लखनऊ: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से आज बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को तिकुनिया में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में अभियुक्त एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। यानी आशीष मिश्रा को अभी जेल में ही रहना होगा। माना जा रहा था कि कुछ उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दी जा सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बता दें कि लखीमपुर में जो किसानों पर गाड़ी चढ़ी थी, उस मामले में आशीष मिश्रा का नाम आया था।
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जमानत याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि लखीमपुर मामले में 4 किसान मरे। आरोपी की गाड़ी वहां मौजूद थी, यह सबसे बड़ा तथ्य है। यह मामला जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। आशीष मिश्र की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी, पीड़ितों की तरफ से कमलजीत राखड़ा, राज्य सरकार की तरफ से विनोद शाही मौजूद रहे। इससे पहले इस मामले में 15 जुलाई को सुनवाई हुई थी जब अदालत ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। लेकिन मंगलवार को हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को रद्द कर दिया और उन्हें दोबारा जेल में भेज दिया।
बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर के तिकुनिया में हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी जीप से किसानों को कुचल दिया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश SIT ने 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। एसआईटी ने आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया था। इतना ही नहीं एसआईटी के मुताबिक, आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद था। इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फरवरी में आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी मगर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश को निरस्त करते हुए। हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे कि वह पीड़ित पक्ष को पर्याप्त मौका देकर जमानत याचिका पर फैसला सुनाए।
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