देश में लम्पी स्किन डिजीज का कहर
अबतक 57 हजार मवेशियों की मौत
राजस्थान में दिखा सबसे ज्यादा प्रकोप
नेशनल डेस्क: लम्पी स्किन डिजीज के कारण अबतक करीब 57,000 मेवेशियों की मौत हो गयी है। इसको देखते हुए केंद्र ने प्रभावित राज्यों से इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिये टीकाकरण प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है। बता दें कि त्वचा पर गांठ बनने की बीमारी एक संक्रामक विषाणु जनित बीमारी है, जो मवेशियों को प्रभावित करती है।
इस बीमारी के लक्षण
यह बुखार, त्वचा पर गांठ का कारण बनती है और इससे मृत्यु भी हो सकती है। यह रोग मच्छर, मक्खी, ततैया आदि के सीधे संपर्क से और दूषित खाने तथा पानी से फैलता है। इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में बुखार, दूध में कमी, त्वचा पर गांठें बनना, नाक और आंखों से स्राव, खाने में समस्या आदि शामिल हैं। कई बार इसके कारण मवेशियों की मौत हो जाती है।
छह से सात राज्यों में फैली बीमारी
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने अंतरराष्ट्रीय डेयरी फेडरेशन के विश्व डेयरी सम्मेलन के बारे में जानकारी देने के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लम्पी स्किन बीमारी गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत छह-सात राज्यों में फैली है। आंध्र प्रदेश में भी कुछ मामले आये हैं। बता दें कि विश्व डेयरी सम्मेलन 12 से 15 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा।
राजस्थान में सबसे ज्यादा मौत
पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन ने कहा कि अब तक 57,000 मवेशियों की मौत हो चुकी है और इनमें से लगभग 37,000 राजस्थान में हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र राज्यों को लगातार परामर्श भेज रहा है।
टीकाकरण प्रक्रिया में तेजी लाने पर दिया जोर
केंद्रीय मंत्री रूपाला ने कहा कि उन्होंने स्थिति का आकलन करने और उसपर अंकुश लगाने के कार्यक्रमों की निगरानी के लिये पांच राज्यों का दौरा किया है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि बकरियों के लिये टीका बहुत प्रभावी और उपलब्ध है और राज्य सरकारों से टीकाकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये कहा गया है।