जयंत चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
आजम खान की सदस्यता रद्द करने पर उठाए सवाल
बीजेपी विधायक विक्रम सैनी पर की कार्रवाई की मांग
यूपी डेस्क: राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया जयंत चौधरी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा नेता आजम खान की विधायकी जाने पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से सवाल करते हुए पत्र लिखा है। जयंत ने पत्र में भाजपा विधायक विक्रम सैनी के मामले का हवाला देते हुए विधानसभा अध्यक्ष की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आजम खान की सदस्यता जाने की बात कहते हुए कहा कि विक्रम सैनी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। जयंत ने जन लोक प्रतिनिधित्व कानून का हवाला देते हुए सतीश महाना से विक्रम सैनी के मामले में भी जल्द कार्रवाई की मांग की है।
यह भी पढ़ें: T20 World Cup 2022: 2 नवंबर को भारत और बांग्लादेश के बीच होगा मुकाबला, जानें कब, कहां देखा जाएगा मैच
जयंत ने पत्र में लिखा कि स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में हेट स्पीच के मामले में आपके कार्यालय द्वारा त्वरित फैसला लेते हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है। जनप्रतिनिधित्व कानून लागू करने की आप की सक्रियता की यद्यपि प्रशंसा की जानी चाहिए किंतु जब पूर्व में घटित ऐसे ही मामले में आप निष्क्रिय नजर आते है, तो आप जैसे त्वरित न्याय करने वाले की मंशा पर सवाल खड़ा होता है कि क्या कानून की व्याख्या व्यक्ति और व्यक्ति के मामले में अलग-अलग रुप से की जा सकती है?
महोदय, इस संदर्भ में आपका ध्यान मैं खतौली (मुजफ्फरनगर) से भाजपा विधायक विक्रम सैनी के प्रकरण में आकृष्ट कराना चाहूंगा, जिन्हें 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के लिए स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा 11 अक्टूबर 2022 को जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत 2 साल की सजा सुनाई गई। उस प्रकरण में आपकी ओर से आज तक कोई पहलकदमी नहीं ली गई। सवाल यह है कि क्या सत्ताधारी दल और विपक्ष के विधायक के लिए कानून की व्याख्या अलग-अलग तरीके से की जा सकती है? यह सवाल तब तक अस्तित्व में रहेगा जब तक आप भाजपा विधायक विक्रम सैनी के मामले में ऐसी ही पहलकदमी नहीं लेते। आशा है कि आप मेरे पत्र का संज्ञान लेते हुए न्याय की स्वस्थ परम्परा के लिए विक्रम सैनी के प्रकरण में शीघ्र ही कोई ऐसा निर्णय अवश्य लेंगे, जो सिद्ध करेगा कि न्याय की लेखनी का रंग एक सा होता है भिन्न-भिन्न नहीं।