नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट सर्विसेज पर ऑनलाइन कारोबारियों को जोड़ने को लेकर रोक लगा दी है। हालांकि कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा है कि इससे उसके कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पेटीएम ब्रांड के तहत डिजिटल और वित्तीय सेवाएं देने वाली वन 97 कम्युनिकेशंस (ओसीएल) ने दिसंबर 2020 में पेटीएम पेमेंट सर्विसेज (पीपीएसएल) को अपनी पेमेंट एग्रीगेटर सेवा व्यवसाय को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन नियामक ने इसके आवेदन को खारिज कर दिया।
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कंपनी ने आरबीआई की वित्तीय आंकड़ा साझेदारी व्यवस्था पेमेंट एग्रीगेटर (पीए) दिशानिर्देशों का पालन करने के लिये यह कदम उठाया था। कंपनी ने सितंबर 2021 में फिर से जरूरी दस्तावेज जमा किए। पेटीएम ने कहा कि पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमटेड को आवेदन को लेकर पत्र मिला है। पत्र में ऑनलाइन कारोबारियों के लिये पेमेंट एग्रीगेटर सेवाएं प्रदान करने को लेकर मंजूरी मांगी गयी थी। पत्र के अनुसार, पीपीएसएल को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दिशानिर्देशों का पालन करने के लिये कंपनी से उसमें किये गये पिछले डाउनवर्ड निवेश को लेकर आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करना होगा और साथ ही नये ऑनलाइन कारोबारियों को शामिल नहीं करना होगा।
डाउनवर्ड या डाउननस्ट्रीम निवेश से आशय किसी भारतीय इकाई के अन्य इकाई में निवेश से है। अगर कोई भारतीय कंपनी एफडीआई प्राप्त कर रही है और उसका उपयोग दूसरी घरेलू इकाई में निवेश में किया जाता है, इसे अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश कहा जाता है। संबंधित कंपनी को इसके बारे में उचित प्राधिकार को सूचना देनी होती है।
पेटीएम ने नियामकीय सूचना में कहा कि वह पेमेंट एग्रीगेटर को लेकर 120 दिनों के भीतर फिर से आवेदन दे सकती है। कंपनी अनुमोदन लंबित रहने तक नये ऑनलाइन व्यापारियों को नहीं जोड़ेगी। पेटीएम ने यह भी कहा कि इसका उसके कारोबार और आय पर इसका कोई असर नहीं होगा क्योंकि आरबीआई के पत्र की बातें सिर्फ नये ऑनलाइन व्यापारियों तक सीमित है। उसने कहा हम नये ऑफलाइन कारोबारियों को जोड़ना जारी रख सकते हैं और उन्हें सेवाओं की पेशकश कर सकते हैं।
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