BCAS ने हवाई अड्डों पर कंप्यूटर टोमोग्राफी तकनीक पर आधारित स्कैनर लगाने की सिफारिश की
कंप्यूटर टोमोग्राफी तकनीक हाथ के सामान में वस्तुओं का त्रि-आयामी दृश्य उपलब्ध कराएगा
इससे यात्रियों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अपने सामान के थैले से बाहर निकालने की जरूरत नहीं होगी
नई दिल्ली। विमानन सुरक्षा निगरानी संस्था बीसीएएस ने हवाई अड्डों पर कंप्यूटर टोमोग्राफी तकनीक पर आधारित स्कैनर लगाने की सिफारिश की है, जिससे यात्रियों को स्कैनर से गुजरने से पहले अपने थैले (हैंड बैगेज) से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निकालने की जरूरत नहीं होगी। वर्तमान में, हवाई अड्डों पर उपयोग किए जाने वाले स्कैनर सामान के अंदर वस्तुओं का द्वि-आयामी दृश्य प्रदान करते हैं।
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नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के संयुक्त महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने बुधवार को कहा कि नियामक ने हवाई अड्डों पर कंप्यूटर टोमोग्राफी तकनीक पर आधारित स्कैनर स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है जो हाथ के सामान में वस्तुओं का त्रि-आयामी दृश्य उपलब्ध कराएगा। गौरतलब है कि हाल के सप्ताहों में, विभिन्न हवाईअड्डों पर, विशेषकर राष्ट्रीय राजधानी के हवाईअड्डों पर भीड़भाड़ और लंबे समय तक प्रतीक्षा करने की शिकायतें मिली हैं। अधिकारियों ने कई उपाय किए हैं और भीड़भाड़ कम हुई है।
प्रसाद ने एक न्यूज मीडिया एजेंसी से कहा कि इस तरह के स्कैनर से यात्रियों को स्कैनर से गुजरने से पहले अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अपने सामान के थैले से बाहर निकालने की जरूरत नहीं होगी। इस तरह के स्कैनर लगाने से हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच की प्रक्रिया में तेजी लाने में भी मदद मिलने की उम्मीद है। सिफारिश के बारे में विशिष्ट विवरण के बारे में तत्काल जानकारी नहीं मिल सकी है।
बीसीएएस नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इस महीने की शुरुआत में, मंत्रालय ने लोकसभा को बताया था कि हवाई अड्डों पर सुरक्षा को मजबूत करना एक सतत प्रक्रिया है और समय-समय पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और सुरक्षा नियामक बीसीएएस द्वारा केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) समेत संबंधित एजेंसियों और हितधारकों से परामर्श कर स्थिति की समीक्षा की जाती है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, संवेदनशील हवाई अड्डों पर तैनाती के लिए प्रस्तावित कुछ तकनीकों में ‘कंप्यूटर टोमोग्राफी एक्सप्लोसिव डिटेक्शन सिस्टम’ (सीटी-ईडीएस) मशीन और ड्यूल जेनरेटर एक्स-बीआईएस मशीन शामिल हैं। हवाई अड्डों पर ‘रेडियोलॉजिकल जांच उपकरण (आरडीई) की चरणबद्ध तरीके से तैनाती की भी योजना बनाई गई है।
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