एक साल बाद भी नहीं पूरा हुआ पुतिन का सपना
संकट के बीच हीरो बनकर उभरे जेलेंस्की
रूसी सेनाओं को यूक्रेन दे रहा मुंहतोड़ जवाब
International Desk: रूस की ओर से यूक्रेन के खिलाफ छेड़ी गई जंग के एक साल पूरे हो गए हैं मगर अभी तक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर पूरी तरह कब्जा करने में कामयाब नहीं हो सके हैं। साल भर पहले आज ही के दिन पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ दी थी। उस समय माना जा रहा था कि रूस एक हफ्ते के भीतर ही यूक्रेन को घुटने टेकने पर मजबूर कर देगा मगर पुतिन का यह सपना साल भर बाद भी पूरा नहीं हो चुका है।
इस जंग के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की नायक बनकर उभरे हैं। पूरी दुनिया में उनकी पहचान रूस को मुंहतोड़ जवाब देने वाले नेता के रूप में बनी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रूस और यूक्रेन के बीच पिछले एक साल से चल रही जंग के दौरान करीब तीन लाख मौतें हुई हैं मगर अभी भी जंग खत्म होने के कोई आसार नहीं दिख रहा है। हालांकि इस जंग के दौरान हुई मौतों को लेकर अलग-अलग आंकड़े सामने आए हैं।
रूसी सेनाओं को यूक्रेन दे रहा मुंहतोड़ जवाब
यूक्रेन पर रूसी सेनाओं की ओर से किए गए हमले के बाद माना जा रहा था कि रूस एक हफ्ते या एक महीने के भीतर कीव पर कब्जा करने में कामयाब हो जाएगा। माना जा रहा था कि इसके बाद पुतिन अपने किसी वफादार को यूक्रेन की गद्दी पर बिठा देंगे। रूसी सेनाओं की ओर से यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी 2022 को जंग की शुरुआत की गई थी और एक साल बीत जाने के बाद भी रूस अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की पूरी मजबूती के साथ गद्दी पर बैठे हुए हैं और रूसी सेनाओं को मुंहतोड़ जवाब देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। पूर्व अभिनेता और हास्य कलाकार जेलेंस्की ने अपनी नेतृत्व क्षमता से पूरी दुनिया के लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है।
हालांकि यह भी सच्चाई है कि इस जंग में यूक्रेन को अमेरिका की अगुवाई में पश्चिमी देशों का भरपूर समर्थन मिला है। अमेरिका ने आर्थिक मदद से लेकर आधुनिक हथियारों तक यूक्रेन की भरपूर मदद की है। यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन पिछले दिनों यूक्रेन की यात्रा पर भी पहुंचे थे। अमेरिकी राष्ट्रपति की अचानक यूक्रेन यात्रा ने रूस सहित पूरी दुनिया को चौंका दिया था।
अमेरिका सहित कई देशों का यूक्रेन को समर्थन
रूस के खिलाफ इस जंग में यूक्रेन को अमेरिका के अलावा दुनिया के कई अन्य देशों का भरपूर समर्थन हासिल हुआ है। जानकार सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय में दुनिया के 80 से अधिक देशों की ओर से यूक्रेन को अलग-अलग तरीके की मदद मिल रही है। इनमें से 31 देशों में यूक्रेन को घातक हथियारों और मिसाइलों की मदद पहुंचाई है। अमेरिकी राष्ट्रपति के अलावा ब्रिटेन और फ्रांस सहित कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष जंग की इस अवधि के दौरान यूक्रेन पहुंच चुके हैं और उन्होंने यूक्रेन को हर तरह की मदद देने का ऐलान किया है। अमेरिका की अगुवाई में पश्चिमी देशों से मिल रही इस मदद के कारण ही यूक्रेन के हौसले बुलंद हैं और राष्ट्रपति जेलेंस्की लगातार रूस को चुनौती भरे अंदाज में जवाब दे रहे हैं।
जंग की एक साल की अवधि के दौरान रूस अब तक यूक्रेन के मैरियूपोल, दोनेत्स्क, खेरसॉन, लुहांस्क पर पूरी तरह से कब्जा कर चुका है। युद्ध के बाद रूस ने माइकोलाइव और खारकीव पर भी कब्जा कर लिया था मगर बाद में यूक्रेन की सेना ने रूस को मुंहतोड़ जवाब देते हुए इन दोनों राज्यों पर फिर अपना कब्जा वापस पा लिया है।
अभी भी यूक्रेन के कई राज्यों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच जोरदार संघर्ष चल रहा है। रूस के सैनिक नए इलाकों पर कब्जा करने के साथ ही कब्जा किए गए इलाकों की रक्षा के लिए यूक्रेन की सेना पर गुले बरसाने में जुटे हुए हैं राकेटों के जरिए भी हमला किया जा रहा है। जानकारों का मानना है कि अभी भी इस जंग के खत्म होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। पुतिन भी इस जंग की शुरुआत के बाद बुरी तरह फस गए हैं क्योंकि यूक्रेन को अमेरिका सहित दुनिया के कई ताकतवर देशों का समर्थन हासिल हो चुका है।