बिहार विधानसभा चुनाव से पहले EC ने जारी की गाइडलाइन
प्रत्याशियों को विज्ञापन देकर बताना होगा आपराधिक ब्यौरा
कम से कम तीन बार टीवी अखबारों में देनी होगी जानकारी
बिहार डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने दागी छवि के उम्मीदवारों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्रत्याशियों उनके राजनीतिक दलों को अखबारों टीवी चैनलों पर तीन बार विज्ञापन देकर आपराधिक ब्यौरा बताना होगा आगामी बिहार चुनाव आने वाले दिनों में 64 विधानसभा तथा एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनावों में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों को अपने आपराधिक इतिहास के बारे में विज्ञापन करते समय नयी समयसीमा का पालन करना होगा।
दरअसल, चुनाव आयोगने अक्टूबर 2018 में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों उन्हें खड़ा करने वाले दलों के लिए यह अनिवार्य करने का निर्देश दिया था कि चुनाव प्रचार के दौरान कम से कम तीन बार टीवी अखबारों में अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के विज्ञापन प्रकाशित कराएं। इस सिलसिले में चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि का प्रचार करने के नियमों को कड़ा बनाते हुए इसके लिए एक समयसीमा निर्धारित की है कि कब इस तरह के विज्ञापन चुनाव प्रचार (Election Campaign) के दौरान प्रकाशित प्रसारित किए जाने चाहिए।
नए दिशा निर्देशों के अनुसार, प्रत्याशी को पहली बार नामांकन वापसी की अंतिम तारीख के चार दिन के अंदर अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का विज्ञापन प्रकाशित कराना होगा। दूसरी बार यह विज्ञापन नामांकन वापसी की तारीख के पांच से आठ दिन के भीतर देना होगा. वहीं तीसरी आखिरी बार यह विज्ञापन नामांकन वापसी के नौवें दिन से लेकर कैंपेन के आखिरी दिन के बीच देना होगा।
चुनाव आयोग के बयान में कहा है कि यह समयसीमा मतदाताओं को अधिक सूचित करते हुए उनकी पसंद को चुनने में मदद करेगी। आयोग ने कहा है कि निर्विरोध उम्मीदवारों उनके राजनीतिक दलों को भी आपराधिक ब्यौरे का विज्ञापन देना होगा। आयोग ने कहा है कि नए दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।