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आम आदमी को तगड़ा झटका, मंहगाई से नहीं मिलेगी जल्द राहत

  • नहीं मिलने वाली सब्जियों की मंहगाई से राहत
  • बरसात में फसल खराब होने से बढ़ी सब्जियों की कीमतें 
  • त्योहारी सीजन में भी होगी सब्जियों में गिरावट

     

 नेशनल डेस्क:  बीते माह अगस्त के दौरान सब्जियों  की महंगाई दर में वृद्धि दर्ज की गई । सब्जियों की महंगाई से जल्द राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। कारोबारी बताते हैं कि हरी-साग सब्जियों की नई फसल की आवक शुरू होने में कम से कम एक महीना लगेगा नई फसल की आवक जोर पकड़ने पर ही सब्जियों की कीमतों में नरमी आएगी। बीते महीने अगस्त में खुदरा महंगाई दर 6.69 फीसदी दर्ज की गई, जबकि जुलाई में 6.73 फीसदी दर्ज की गई थी। वहीं, सब्जियों की महंगाई दर अगस्त में 11.41 फीसदी दर्ज की गई, जबकि जुलाई में यह 11.29 फीसदी थी।

हरी साग-सब्जियों की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जून से ही शुरू हो गया था। लेकिन जुलाई अगस्त में कीमतें आसमान छू गईं। टमाटर का थोक भाव जो दिल्ली की मंडियों में मई जून में दो रुपये प्रति किलो से भी कम हो गया था, वहां अब थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो तक चला गया है। खुदरा टमाटर इस समय 60 से 90 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। टमाटर समेत तमाम हरी-सब्जियों के साथ आलू प्याज की कीमतों में भी अप्रत्याशित इजाफा हुआ है, क्योंकि आलू प्याज के उत्पादन में बीते फसल वर्ष के दौरान वृद्धि हुई थी। प्याज की घरेलू उपल्ब्धता बढ़ाकर कीमतों में वृद्धि पर नियंत्रण के मद्देनजर भारत सरकार ने सोमवार को प्याज के सभी वेरायटी के निर्यात पर रोक लगा दी है।

आलू का खुदरा भाव भी बीते दो महीने में करीब दोगुना बढ़ गया है, जिससे आम उपभोक्ताओं के लिए सब्जी खाना मुहाल हो गया है। चैंबर्स ऑफ आजादपुर फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एम. आर. कृपलानी ने बताया कि बरसात में फसल खराब हो जाने से सब्जियों की कीमतें उंची चल रही हैं नई फसल की आवक 15 अक्टूबर के बाद ही शुरू होगी। इसलिए फिलहाल सब्जियों की कीमतों में गिरावट आने की संभावना कम है। उन्होंने कहा कि, फलों के दाम में बीते दिनों गिरावट दर्ज की गई है आवक बढ़ने से थोड़ी नरमी आ सकती है,लेकिन त्योहारी सीजन में मांग तेज रहने से कीमतों में अब ज्यादा गिरावट नहीं आएगी। कृपलानी ने कहा कि प्याज के निर्यात पर रोक लगने से कीमतों में स्थिरता रह सकती है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 के दौरान देश में आलू का उत्पादन 513 लाख टन हुआ, जबकि एक साल पहले 2018-19 में देश में आलू का उत्पादन 501.90 लाख टन हुआ था। देश में बीते फसल वर्ष 2019-20 में प्याज का उत्पादन 267.4 लाख टन हुआ था, जबकि इससे पहले 2018-19 में 228.2 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था।

आलू 40-50, फूलगोभी-140, बंदगोभी-60, टमाटर 60-90, प्याज 40-50, लौकी/घीया-60, भिंडी-60, खीरा-60, कद्दू-50, बैंगन-60, शिमला मिर्च-100, पालक-80, कच्चा पपीता-50, कच्चा केला-60, तोरई-50, करेला-60, परवल 80-100, लोबिया-80।

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