देश भर में गजवा-ए-हिंद से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा
महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश में कुल 7 लोकेशन पर एनआईए की टीम ने कार्रवाई की
गजवा-ए-हिंद आतंकी संगठन अल कायदा के साथ मिलकर काम करता है
नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) देश भर में गजवा-ए-हिंद से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा डाला। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश में कुल 7 लोकेशन पर एनआईए की टीम ने कार्रवाई की। गजवा-ए-हिंद आतंकी संगठन अल कायदा के साथ मिलकर काम करता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने महाराष्ट्र में 3 जगहों पर, गुजरात में 3 जगहों पर और मध्य प्रदेश में 1 जगह पर छापा मारा है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 23 मार्च, 2023 को गजवा-ए-हिंद मामले की अपनी जांच में नागपुर में 3 स्थानों पर तलाशी ली। यह मामला हिंसक आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रभावशाली युवाओं के कट्टरपंथीकरण से जुड़ा है।
इस्लाम में गजवा-ए-हिंद का अर्थ सामान्य तौर पर पहले काफ़िरों को जीतने के लिए किए गए युद्ध के लिए किया जाता था। युद्ध को गजवा भी कहा जाता है। काफिरों के खिलाफ जीते गए युद्ध में विजयी को गाज़ी” कहा जाता है। जब इस्लाम को भारत वर्ष में फैलाने को कोशिश की गई थी, तब इसके लिए “गजवा-ए-हिंद” शब्द का प्रयोग किया गया था।
गजवा-ए-हिंद अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अलकायदा के साथ मिलकर काम करता है। भारत में इसकी बड़ी गतिविधि का खुलासा पिछले साल जुलाई में तब हुआ था, जब बिहार की राजधानी पटना से सटे फुलवारी शरीफ से पुलिस ने एक शख्स को दबोचा था। शख्स का नाम मरगुब दानिश उर्फ ताहिर था, जिसने पूछताछ में कई हैरतअंगेज खुलासे किए थे। उसने कबूल किया था वह गजवा-ए-हिंद के लिए काम कर रहा है। उसके मोबाइल फोन और फेसबुक चैट में भी भड़काऊ और उन्माद कंटेट मिले थे।
एनआईए ने कहा था, ‘मरगुब अहमद दानिश के इस व्हाट्सएप ग्रुप में प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की दृष्टि से कश्मीर में आतंकवादी कृत्यों और गतिविधियों का महिमामंडन किया जा रहा था।
उसने ग़ज़वा-ए-हिंद बीडी के नाम से एक और व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था और हिंसा के माध्यम से भारत पर विजय की बात कर रहा था।’ इस साल 6 जनवरी को एनआईए ने मामले में बिहार में एनआईए की विशेष अदालत में एक आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।