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‘लैंड फॉर जॉब’ स्कैम में ED की छापेमारी, लालू की तीनों बेटियों के घर भी रेड

  • लैंड फॉर जॉब स्कैम में ED की ताबड़तोड़ छापेमारी

  • यूपी-बिहार और महाराष्ट्र में चल रही कार्रवाई 

  • लालू यादव की तीनों बेटियों के घर भी रेड 

Bihar Desk. राजद सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई जारी है। इस मामले में अब प्रवर्तन निदेशालया यानी ईडी भी एक्शन में आ गई है। जांच एजेंसी की विभिन्न टीमों ने शुक्रवार को यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में 15 ठिकानों पर एकसाथ छापा मारा है। बिहार में पूर्व सीएम लालू प्रसाद के करीबी पूर्व विधायक सैयद अबु दोजाना के ठिकानों पर छापेमारी चल रही है।

लालू के तीनों बेटियों के घर भी रेड 

लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में लगभग पूरा परिवार जांच एजेंसियों की रडार पर है। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को ईडी ने लालू प्रसाद की तीनों बेटियों के घर भी रेड की है। लालू-राबड़ी की तीनों बेटियां हेमा,रागिनी और चंदा दिल्ली में रहती हैं और उनके आवास पर ईडी की टीम मौजूद है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार के डिप्टी सीएम और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित घर भी ईडी ने छापा मारा है।

इससे पहले सीबीआई की एक टीम सोमवार को पटना स्थित राबड़ी देवी के आवास पहुंची थी और उनके पूछताछ की थी। इसके अगले दिन सीबीआई की एक टीम दिल्ली के छतरपुर इलाके में स्थित लालू यादव की बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के आवास पर पहुंची थी। सिंगापुर से किडनी का इलाज करवाकर दिल्ली लौटे राजद सुप्रीमो फिलहाल यहीं रह रहे हैं। जांच एजेंसी ने इस मामले में उनसे कई घंटों तक पूछताछ की थी।

राजद के पूर्व विधायक के घर ईडी का छापा

शुक्रवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय ने आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व राजद विधायक सैयद अबु दोजाना के घर पर रेड मारी। जानकारी के मुताबिक, ईडी की 12 अधिकारियों की टीम उनके घर पर पहुंची है। उनके अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी चल रही है। अबु दोजाना पेशे से बिल्डर हैं और लालू यादव के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव सुरसंड से राजद के टिकट पर लड़ा था लेकिन हार गए थे।

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम ? 

कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए – 1 की सरकार में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री हुआ करते थे। आरोप है कि लालू यादव ने उस दौरान नियमों को ताक पर रखकर लोगों को नौकरियां दीं और बदले में उनसे जमीनें लिखवाईं। इस मामले का पर्दाफाश साल 2009 में मौजूदा जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और शिवानंद तिवारी ने किया था। दोनों नेताओं ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को की अहम दस्तावेज सौंपकर लालू यादव के खिलाफ जांच की मांग की थी। शिवानंद तिवारी अभी राजद में हैं। वर्तमान में दोनों नेता लालू यादव का बचाव कर रहे हैं।

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