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Mayawati Birthday: चार बार संभाली यूपी की कमान, 2024 की सियासी जंग में होगी अग्निपरीक्षा

  • मायावती का आज 67वां जन्मदिन

  • मायावती ने चार बार संभाली यूपी की कमान

  • 2024 की सियासी जंग में होगी अग्निपरीक्षा

Mayawati Birthday: 15 जनवरी 1956 को पैदा होने वाली मायावती का आज 67वां जन्मदिन है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने चार बार मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश की कमान संभाल चुकी हैं। मायावती के जन्मदिन पर बसपा हमेशा शक्ति प्रदर्शन करती रही है और इस बार भी पार्टी की ओर से राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर में कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी है। समर्थकों के बीच बहन जी के नाम से जानी जाने वाली मायावती ने इसी कारण अभी से ही 2024 की सियासी जंग की तैयारियां शुरू कर दी हैं। माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मायावती की सियासी ताकत की अग्निपरीक्षा होनी है।

इस तरह सियासी मैदान में उतरीं मायावती

मायावती का जन्म 15 जनवरी 1956 को दिल्ली में हुआ था। मायावती के पिता का नाम प्रभुदयाल और मां का नाम रामरती था। मायावती का पैतृक गांव बादलपुर उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में स्थित है। मायावती 6 भाई और दो बहन हैं। मायावती की मां ने अनपढ़ होने के बावजूद अपने बच्चों की पढ़ाई में खासी दिलचस्पी ली। मायावती ने 1975 में दिल्ली के कालिंदी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद 1976 में उन्होंने गाजियाबाद के वीएमएलजी कॉलेज से बीएड की डिग्री ली। बाद में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री भी हासिल की।

शिक्षा पूरी करने के बाद मायावती ने शिक्षिका के रूप में भी काम किया मगर इसी दौरान मायावती की मुलाकात कांशीराम से हुई जिसके बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई। मायावती के पिता उन्हें आईएएस बनाना चाहते थे और वे अपनी बेटी पर कांशीराम के इस असर को देखकर खुश नहीं थे मगर मायावती धीरे-धीरे काशीराम के मिशन के साथ जुड़ती चली गईं। बाद में उन्होंने सियासी मैदान में कदम रखा। सियासी मैदान में सक्रिय होने के बाद मायावती ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

चार बार संभाली यूपी की कमान

सियासी मैदान में उतरने के साथ ही मायावती ने महत्वपूर्ण भूमिका निभानी शुरू कर दी थी। मायावती ने 1989 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता। इसके बाद वे 1998, 1999 और 2004 का लोकसभा चुनाव जीतने में भी कामयाब रहीं। 1994 में वे पहली बार राज्यसभा के लिए चुनी गई थीं। उन्होंने भाजपा के सहयोग से 3 जून 1995 को पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली। इसके बाद 18 अक्टूबर 1995 तक वे प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। 21 मार्च 1997 को वे फिर दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनीं। मायावती को 3 मई 2002 को तीसरी बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला।

2007 के विधानसभा चुनाव में मायावती की अगुवाई में बसपा ने उत्तर प्रदेश में अपनी ताकत दिखाई थी। 12 मई 2007 को चौथी बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद मायावती ने मुख्यमंत्री के रूप में पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। मुख्यमंत्री के रूप में कानून व्यवस्था को लेकर मायावती ने काफी सख्त तेवर अपनाया था जिसकी आज तक मिसाल दी जाती है। इस तरह मायावती अभी तक सियासी नजरिए से काफी अहम माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की चार बार कमान संभाल चुकी हैं।

2012 के चुनाव से कमजोर पड़ीं मायावती

उत्तर प्रदेश में 2012 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद मायावती सियासी रूप से काफी कमजोर दिखी हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा ने 224 सीटों पर जीत हासिल करके प्रदेश में सरकार बनाई थी जबकि बसपा 80 सीटों पर सिमट गई थी। भाजपा को 47 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि कांग्रेस 28 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी।

2017 का विधानसभा चुनाव मायावती के लिए और भी खराब रहा। 2017 के चुनाव में भाजपा गठबंधन ने 324 सीटों पर जीत हासिल करके प्रचंड बहुमत हासिल किया था। भाजपा को 311 सीटों पर जीत मिली थी जबकि सहयोगी दलों अपना दल ने 9 और सुभासपा ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी। सपा-कांग्रेस गठबंधन को 54 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बसपा 19 सीटों पर सिमट गई थी।

2022 के विधानसभा चुनाव में मायावती की कमजोर होती पकड़ पर पूरी तरह मुहर लगा दी। 2022 के चुनाव में भाजपा गठबंधन को 273 सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि सपा गठबंधन 125 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की। कांग्रेस को दो सीटों पर कामयाबी मिली जबकि बसपा सिर्फ एक सीट ही जीत सकी।

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