Breaking News

Mulayam Singh Yadav: जानिए मुलायम के पहलवान से लेकर नेता जी बनने का सफर

  • मुलायम सिंह यादव की रविवार को अचानक बिगड़ी तबियत 

  • मुलायम सिंह यादव के पहलवान से लेकर नेता जी बनने का सफर

  • 50 साल की उम्र में पहली बार बने सीएम

यूपी डेस्क: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की तबियत रविवार को अचानक बिगड़ गई। उन्हें फौरन आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया। उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। डॉक्टरों के मुताबिक, अगले 24 घंटे उनके हेल्थ के लिए बेहद अहम हैं और उनकी स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। तो आइए जानते हैं मुलायम सिंह यादव के पहलवान से लेकर नेता बनने का सफर के बारे में……..

Mulayam Singh Yadav Second Wife Is Sadhana Gupta, Know Her Networth And Source Of Income | Mulayam Singh Yadav Second Wife: मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी हैं साधना गुप्ता, जानिए कितनी

मुलायम सिंह यादव का व्यक्तिगत जीवन
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में मूर्ति देवी व सुघर सिंह यादव के किसान परिवार में हुआ। देश की राजनीति में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का कुनबा सबसे बड़ा है। परिवार के 25 से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो राजनीति में सक्रिय हैं। शुरुआत मुलायम सिंह यादव के बाबा से करते हैं। उनका नाम मेवाराम था। मेवाराम के दो बेटे थे। सुघर सिंह और बच्चीलाल सिंह। सुघर सिंह के पांच बेटे हुए। इनमें मुलायम सिंह यादव, रतन सिंह, राजपाल सिंह यादव, अभय राम सिंह और शिवपाल सिंह यादव। भाइयों में मुलायम सिंह तीसरे नंबर और शिवपाल सिंह सबसे छोटे हैं।

Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह यादव की सेहत में सुधार नहीं, मेदांता अस्पताल के डॉक्टरों ने वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा - Mulayam Singh Yadav shifted to the ICU Medanta Hospital ...

पिता सुघर सिंह बनाना चाहते थे पहलवान
मुलायम सिंह यादव के पिता सुघर सिंह उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे किन्तु पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु चौधरी नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात उन्होंने नत्थूसिंह के परम्परागत विधानसभा क्षेत्र जसवन्त नगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और बीटी करने के उपरान्त इन्टर कॉलेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए और सक्रिय राजनीति में रहते हुए नौकरी से त्यागपत्र दे दिया।

Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह की बिगड़ी तबीयत ने बढ़ाई कार्यकर्ताओं की बेचैनी, पार्टी ने कहा- हालत स्थिर - SP Patron Mulayam Singh Yadav deteriorating health increased workers ...

मुलायम सिंह यादव का राजनीत‍िक कर‍ियर
1967 में मुलायम सिंह यादव पहली बार विधायक और मंत्री भी बने। इसके बाद 50 वर्ष की उम्र में मुलायम  5 दिसंबर 1989 को पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। अब तक तीन बार वह मुख्यमंत्री और केंद्र में रक्षा मंत्री रह चुके हैं। मुलायम ने अपना राजनीतिक अभियान जसवंत नगर विधानसभा सीट से शुरू किया और सोशलिस्ट पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से आगे बढ़े। मंत्री बनने के लिए मुलायम सिंह यादव को 1977 तक का इंतजार करना पड़ा। केन्द्र और उत्तर प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार बनी और वह राज्य सरकार में मंत्री बनाये गये। बाद में चौधरी चरण सिंह की पार्टी लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष बने। विधायक का चुनाव लड़े और हार गए। 1967, 1974, 1977, 1985, 1989 में वह विधानसभा के सदस्य रहे। 1982-85 में विधानपरिषद के सदस्य रहे। आठ बार राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे। 1992 में समजावादी पार्टी का गठन किया। वे तीन बार 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इसके अतिरिक्त वे केन्द्र सरकार में रक्षामंत्री भी रह चुके हैं।

जानिये मुलायम सिंह की परिवार में किसके कितने बच्चे है, डिंपल से लेकर नीलम तक सभी है करोड़पति - Newstrend

2012 में समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला। यह पहली बार हुआ था कि 1989 उत्तर प्रदेश में सपा अपने बूते सरकार बनाने की स्थिति में थी। नेता जी के पुत्र और सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा जोर शोर से उठाया और प्रदेश के सामने विकास का एजेंडा रखा। अखिलेश यादव के विकास के वादों से प्रभावित होकर पूरे प्रदेश में उनको व्यापक जनसमर्थन मिला। चुनाव के बाद नेतृत्व का सवाल उठा तो नेताजी ने वरिष्ठ साथियों के विमर्श के बाद अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। अखिलेश यादव मुलायम सिंह के पुत्र है। अखिलेश यादव ने नेता जी के बताए गये रास्ते पर चलते हुए उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया।

यूपी चुनाव में पहली बार नजर आएंगे मुलायम सिंह यादव, करहल में बेटे अखिलेश यादव के लिए मांगेंगे वोट | Mulayam Singh Yadav seen first time UP elections son Akhilesh Yadav in

पीएम बनते-बनते रह गए थे नेताजी
समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के इरादे से मुलायम ने केंद्र की राजनीति का रुख किया। 1996 में मुलायम सिंह यादव 11वीं लोकसभा के लिए मैनपुरी सीट से चुने गए। उस समय केंद्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी तो उसमें मुलायम भी शामिल थे। मुलायम देश के रक्षामंत्री बने थे। हालांकि, यह सरकार बहुत लंबे समय तक चली नहीं। मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने की भी बात चली थी। प्रधानमंत्री पद की दौड़ में वे सबसे आगे खड़े थे, लेकिन लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने उनके इस इरादे पर पानी फेर दिया। इसके बाद चुनाव हुए तो मुलायम सिंह संभल से लोकसभा में वापस लौटे। असल में वे कन्नौज भी जीते थे, लेकिन वहां से उन्होंने अपने बेटे अखिलेश यादव को सांसद बनाया।

About News Desk

Check Also

मंत्री के सख्त रुख से एक्शन में नपा प्रशासन, ब्लैक लिस्टेड करने के नोटिस

मंत्री के सख्त रुख से एक्शन में नपा प्रशासन  कार्यदायी संस्था सीएस कंस्ट्रक्शन को ब्लैक …