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फर्जी मदरसों पर कार्रवाई की तैयारी,फर्जी कागजात के आधार पर ले रहे अनुदान,पटना हाई कोर्ट ने कसा शिंकजा

  • मदरसों की जांच करने का आदेश शिक्षा विभाग दिया

  • 609 मदरसों की अनुदान राशि पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

  • नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने दिया बयान

(बिहार डेस्क) फर्जी कागजात के आधार पर राज्य से अनुदान लेने वाले मदरसों की जांच होगी. पटना हाई कोर्ट ने इससे संबंधित लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के 2,459 मदरसों की जांच करने का आदेश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने जांच पूरी होने तक 609 मदरसों के अनुदान पर पाबंदी लगा दी है. पटना हाईकोर्ट ने बिहार के डीजीपी को फर्जी मदरसों की जांच करने के आदेश जारी किए हैं.  मदरसों की जांच के आदेश के बाद बिहार के सरकारी महकमे से लेकर सियासी गलियारों में अफरा-तफरी का माहौल है.

PC: PTI/Shutterstock

कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को जल्द राज्य के सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर उनके संसाधनों के बारे में जांच करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता के वकील राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मो तस्नीमुर रहमान ने सीतामढ़ी जिला के सरकारी अनुदान लेने वाले मदरसों की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सीतामढ़ी जिला में फर्जी कागजात पर करीब 88 मदरसों ने सरकारी अनुदान लिया है।

शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि राज्य के अन्य जिलों के 609 मदरसों जो सरकारी अनुदान प्राप्त किया है उन सभी की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कोर्ट ने जाली कागजात पर मदरसों को दी गई मान्यता पर दर्ज प्राथमिकी पर राज्य के डीजीपी को अनुसंधान के बारे में पूरी जानकारी कोर्ट को देने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।

नेता प्रतिपक्ष का मानना है कि मदरसा के नाम पर देश विरोधी गतिविधियों की बात वह पहले से करते रहे हैं. अब इस मामले पर सरकार त्वरित जांच कराएं. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सरकार की जवाबदेही अब जांच कराने की है. इसके साथ ही विजय सिन्हा ने कहा कि कई मदरसों के अंदर खेल चल रहा था. सीएम नीतीश जो अनुदान देते थे, उससे आतंकवाद फैलता था और इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए.

इधर सत्तारूढ़ दल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बैकफुट पर है. सरकार के मंत्री यह दलील दे रहे हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मदरसों को लेकर हमेशा से संवेदनशील रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल भी मदरसों पर उच्च न्यायालय के आदेश के पालन किये जाने की बात कर रही है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मो.आदिल ने कहा कि कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को जांच का आदेश दिया है. इसे लेकर उन्हें सभी DM के साथ बैठक करने का आदेश दिया है.कोर्ट ने जांच पूरी होने तक राज्य के 609 मदरसों को अनुदान की राशि का भुगतान नहीं करने का भी आदेश दिया है.जाली दस्तावेज के आधार पर मदरसों को दी गई मान्यता पर दर्ज हुई प्राथमिकी पर DGP को जांच के बाद पूरी जानकारी कोर्ट को देने का निर्देश दिया गया है.

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