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Rajpath Renamed: राजपथ का नाम बदलने पर सियासी घमासान, विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को घेरा

  • राजपथ का नाम बदलने पर सियासी घमासान

  • तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ ने सरकार को घेरा

  • कांग्रेस ने साधा निशाना

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने राजपथ का नाम बदलने का फैसला किया है। राजपथ का नाम अब कर्तव्य पथ हो जाएगा। मोदी सरकार ने राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से गुलामी की हर चीज से मुक्त होने की बात कही थी। इसके बाद से राजपथ का नाम बदलने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे।

Rajpath barricaded near India Gate amid Covid19 pandemic in New Delhi |  Indiablooms - First Portal on Digital News Management

 

 

क्या भाजपा ने हमारी संस्कृति को बदलने का अपना कर्तव्य बना लिया: महुआ
वहीं, इसको लेकर सियासत भी गर्म हो गई है। विपक्षी दलों ने इसको लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का एक ट्वीट सामने आया है। उन्होंने लिखा है, यह क्या हो रहा है? महुआ ने ट्वीट किया, यह क्या हो रहा है? क्या भाजपा ने हमारी संस्कृति को बदलने का अपना एक मात्र कर्तव्य बना लिया है। क्या उनके महापाप और पागलपन में हमारी विरासत का इतिहास फिर से लिखा जाएगा?

Centre to rename Delhi's historic Rajpath as 'Kartavya Path': Report -  BusinessToday

कांग्रेस ने भी साधा निशाना
सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसे राजपथ का नाम बदलकर ‘राजधर्म पथ’ करना चाहिए था, जिससे अटल बिहारी वाजपेयी जी की आत्मा को शांति मिलती।
वहीं दूसरी तरफ पार्टी के ही नेता मिलिंद देवड़ा ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कार्तव्य पथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर की ओर जाने वाली सड़क का उपयुक्त नाम है।

बदल गया राजपथ का नाम....अब बोलिए 'कर्तव्य पथ', मोदी सरकार का बड़ा फैसला -  rajpath name change modi government Kartavya Path ntc - AajTak

सूत्रों की मानें तो 7 सितंबर को एनडीएमसी की एक अहम बैठक होने वाली है। एनडीएमसी ने यह बैठक राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कार्तव्यपथ करने के उद्देश्य से ही बुलाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त के भाषण में कॉलोनियल मानसिकता से संबंधित प्रतीकों से मुक्ति पर जोर दिया था। इस दौरान पीएम ने 2047 तक कर्तव्यों के महत्व पर भी जोर दिया था। इन दोनों कारकों को ‘कर्तव्य पथ’ के नामकरण के पीछे देखा जा सकता है।

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