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मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सर्वेक्षण वाली अर्जी को चार महीने में पूरी करने का निर्देश

  • श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मस्जिद विवाद मामला

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट का मथुरा अदालत को आदेश

  • 4 माह के भीतर सुनवाई कर निस्तारित करने का निर्देश

प्रयागराज: मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित स्थल की वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया है। जस्टिस पीयूष अग्रवाल की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश दिया। इसी के साथ हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में चार माह में मथुरा कोर्ट को वीडियोग्राफी सर्वी की याचिका को निस्तारित करने का निर्देश भी दिया है। इस साल मई में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा की एक अदालत से कहा था कि इस मामले में 4 महीने के भीतर सभी अर्जियों का निस्तारण कर दिया जाए। हाई कोर्ट में मनीष यादव की ओर से याचिका दायर कर अनुरोध किया गया था कि मथुरा की अदालत में चल रहे सभी मामलों को एक साथ जोड़कर उनकी सुनवाई की जाए।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से मथुरा जिला न्यायालय को शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की मांग में दाखिल हुए प्रार्थना पत्र पर 4 माह के भीतर सुनवाई कर उसे निस्तारित करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल के द्वारा दिया गया है। मनीष यादव की अर्जी पर अधिवक्ता रामानंद गुप्ता के पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट की ओर से यह आदेश दिया गया है। हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद वीडियोग्राफी का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। गौरतलब है कि मनीष यादव की ओर से दाखिल अर्जी के मुताबिक मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से विवादित परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने और उसकी निगरानी करने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की मांग को लेकर मथुरा जिला न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। यह प्रार्थना पत्र गत वर्ष दाखिल किया गया और एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी इसमें कोई सुनवाई नहीं हुई।

इसी के बाद मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर मनीष यादव ने बीते दिनों सुनवाई जल्द पूरी करने की अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की थी। इसी के साथ हाईकोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप की भी मांग की थी। कोर्ट ने इस अर्जी पर अधीनस्थ अदालत से आख्या मांगी और सोमवार को इस मामले में जिला न्यायालय को आदेश दिया गया। आदेश में कहा गया कि मथुरा जिला न्यायालय मनीष यादव के प्रार्थना पत्र पर चार माह में सुनवाई पूरी करते हुए उसे निस्तारित करे।

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