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केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा

खुले बाजार में बिक्री के बाद गेहूं के दाम में आई गिरावट: खाद्य सचिव

  • थोक और खुदरा बाजारों में गेहूं की कीमतों में करीब पांच रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आई है

  • केंद्र के खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने के फैसले के बाद आई कमी

  • भारत सरकार स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है

नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बुधवार को कहा कि केंद्र के खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने के फैसले के बाद थोक और खुदरा बाजारों में गेहूं की कीमतों में करीब पांच रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दरों को कम करने के लिए यदि जरूरी हुआ, तो और कदम उठाए जाएंगे।

चोपड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार गेहूं और आटे (गेहूं का आटा) की कीमतों पर बारीकी से नजर रख रही है और जरूरत पड़ने पर कीमतों को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अधिक गेहूं की पेशकश करने सहित अन्य कदम उठाएगी।

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उन्होंने कहा कि सरकार गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के किसी भी प्रस्ताव पर अभी विचार नहीं कर रही है। यह प्रतिबंध पिछले साल मई में गेहूं की खरीद में भारी गिरावट के बाद लगाया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘जनवरी में ओएमएसएस की घोषणा के बाद से गेहूं की कीमतें नीचे आ गई हैं।

थोक बाजारों में गेहूं की कीमतें 2,500 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम चल रही हैं।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में कीमतों में और गिरावट आएगी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार बहुत चिंतित है और स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है।” चोपड़ा ने कहा, ‘कीमतों को कम करने के लिए और जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी, हम उठाएंगे।’

विकल्पों में ओएमएसएस के तहत मात्रा को मौजूदा 30 लाख टन से बढ़ाना और आरक्षित मूल्य को कम करना भी शामिल है। इस मौके पर खाद्य सचिव ने कहा कि थोक मूल्य 3,000 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर लगभग 2,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है, जबकि खुदरा मूल्य 3,300-3,400 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 2,800-2,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है।

पिछले महीने, सरकार ने गेहूं और गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी। 30 लाख टन में से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ई-नीलामी के माध्यम से आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख (2.5 मिलियन) टन गेहूं बेचेगा और दो लाख टन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिया जाएगा।

गेहूं को आटे में बदलने के लिए संस्थानों और राज्य-पीएसयू को तीन लाख टन गेहूं रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। चोपड़ा ने कहा कि देशभर में बुधवार को 15 लाख टन गेहूं की दूसरे दौर की नीलामी हो रही है।

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