PWD के 59 इंजीनियरों के तबादले होंगे रद्द
कई और अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी
10-10 साल से जमे इंजीनियरों को छोड़ा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपराधियों के खिलाफ एक्शन लेने में देर नहीं करती है। आए दिन किसी ना किसी पर बुलडोजर चलाते नजर आती हैं। इस बार योगी सरकार ने पीडब्ल्यूडी में हुए तबादले को लेकर एक्शन लिया है। योगी सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग में किये गये 59 तबादलों को रद्द होंगे। इन तबादलों को लेकर आरोप था कि ये सभी ट्रांसफर स्थानांतरण नीति के खिलाफ किये गये थे। इसमें 10 सालों से एक जगह पर जमे इंजीनियरों को छोड़ दिया गया था, जबकि कुछ महीने पहले ही तैनाती पाए इंजीनियरों का तबादला किया गया था। योगी सरकार के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि कई और अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। तबादलों की लिस्ट में ग्रुप क और ख के अधिकारियों के तबादले हुए थे। जिसपर सीएम योगी ने जांच कमेटी बनाई थी।
बता दें कि लोक निर्माण विभाग में तबादलों को लेकर पीडब्ल्यूडी के 5 अफसरों पर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर विभाग के प्रधान अभियंता मनोज कुमार गुप्ता सहित पांच अधिकारियों को अनियमितता पर निलंबित कर दिया गया है। पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ ये कार्रवाई तब की गई जब स्थानांतरण नीति का पालन न करने और अनियमितताओं को लेकर विवाद हुआ था। जिसके कारण 18 जुलाई को विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद के विशेष कार्याधिकारी अनिल कुमार पांडे को भी हटा दिया गया था।
लोक निर्माण विभाग में चालू स्थानांतरण सत्र में गंभीर अनियमितताएं सामने आने के बाद आदित्यनाथ ने कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की थी। समिति ने 16 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और इसके निष्कर्षों के आधार पर मुख्यमंत्री ने इन कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए थे। बताया जा रहा है कि विभाग में 150 से अधिक तबादले किये गये हैं और वे मनमाने लगते है। कुछ अभियंताओं को दो पद दिये गये है, जबकि कुछ मामलों में एक से अधिक अधिकारियों को एक पद पर तैनात किया गया है।