नारायणपुर में धर्मांतरण को लेकर दो समुदाय के बीच मारपीट
भाजपा के जिला अध्यक्ष हिरासत में
छत्तीसगढ़ में आपातकाल जैसे हालात
(छत्तीसगढ़ डेस्क) छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में धर्मांतरण को लेकर दो समुदाय के बीच मारपीट के बाद उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, सोमवार को सर्व आदिवासी समाज द्वारा बुलाए गए नारायणपुर बंद के दौरान चर्च में तोड़फोड़ और विशेष समुदाय के लोगों के साथ मारपीट के बाद हमलावरों द्वारा नारायणपुर एसपी के सिर पर घातक हमला और जवानों से मारपीट की गई.छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में धर्मांतरण को लेकर सोमवार को हुए बवाल मामले में पुलिस ने भाजपा जिलाध्यक्ष रूपसाय सलाम सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया।
वहीं भाजपाइयों की गिरफ्तारी के बाद पहुंचे भाजपा सांसद संतोष पांडेय, मोहन मंडावी और नेता केदार कश्यप व महेश गागड़ा को रास्ते में रोक लिया गया है। इसके बाद वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने बताया कि सलाम वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं और पार्टी के नारायणपुर जिलाध्यक्ष हैं. हालांकि सोमवार को विरोध प्रदर्शन पार्टी के बैनर तले नहीं किया गया था. भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय चंद्राकर ने कहा है कि सांसद संतोष पांडे और मोहन मंडावी तथा विधायक शिवरतन शर्मा समेत पार्टी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल घटना का जायजा लेने के लिए नारायणपुर जा रहा था तब उन्हें बेनूर पुलिस थाने में रोक कर रखा गया.
भाजपा नेता चंद्राकर ने कहा, हमारे नेताओं को नारायणपुर जाने से रोका गया, इससे प्रमाणित हो गया है कि कांग्रेस सरकार धर्मांतरण करने वाले लोगों के कदमों में गिर गई है. आदिवासियों का उत्पीड़न चरम सीमा को लांघ चुका है. छत्तीसगढ़ में अब आपातकाल जैसे हालात हैं. आदिवासी बहुल क्षेत्र में कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में सोमवार को नारायणपुर में लगभग दो हजार लोगों ने सभा की थी. जिनमें ज्यादातर आदिवासी थे.
पुलिस के मुताबिक बैठक के बाद भीड़ समूहों में बंट गई थी और लाठी-डंडों से लैस होकर स्कूल परिसर में स्थित एक चर्च में घुस गए और उसमें तोड़फोड़ की. उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने उग्र प्रदर्शन किया और बखरूपारा बाजार सहित शहर के अन्य स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन किया. पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि पुलिस ने एक जनवरी को जिले के एडका थाना क्षेत्र के गोर्रा गांव में दो समूहों के बीच हुई झड़प के संबंध में भी प्राथमिकी दर्ज की है. उन्होंने बताया कि गोर्रा गांव में झड़प को शांत करने गए पुलिस दल पर कथित तौर पर हमला करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
केदार कश्यप ने यह भी कहा कि चर्च में जो तोड़फोड़ की गई है और कुछ घरों में जो तोड़फोड़ किया गया है वह नारायणपुर के मूल धर्म के आदिवासियों ने नहीं बल्कि कुछ संदिग्ध लोगों ने किया और यह संदिग्ध लोग भी मिशनरी के ही लोग हैं जो नारायणपुर और पूरे बस्तर में धर्मांतरण को लेकर अराजकता फैलाने का काम कर रहे हैं. मिशनरी के लोग बस्तर में घुसकर आदिवासियों को आदिवासियों से लड़ाने का काम कर रहे हैं. केदार कश्यप ने कहा कि आदिवासी समाज को भगाकर क्या ईसाई धर्म के लोग यहां राज करेंगे. बस्तर में ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने दिया जाएगा.