Breaking News

विधानसभा के बजट सत्र से पहले गहलोत गुट के 90 विधायक इस्तीफा लेंगे वापस

  • अशोक गहलोत सरकार से इस्तीफे दिए 90 विधायक अपना इस्तीफा वापस लेंगे

  • सुखजिंदर सिंह रंधावा इस पूरे ऑपरेशन में जुट गए हैं

  • सुखजिंदर सिंह रंधावा ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात की

(राजस्थान डेस्क) राजस्थान में अंदरखाने बिखरी गहलोत सरकार को समेटने की कवायत तेज हो गई है। हाल ही में राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए सुखजिंदर सिंह रंधावा पूरी कोशिश में हैं कि जिन विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के वक्त मचे घमासान के दौरान अशोक गहलोत के समर्थन में इस्तीफे दिए थे वे अब वापस ले लें।दरअसल नए साल के आगाज से पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से इस्तीफे दिए 90 विधायक अपना इस्तीफा वापस लेंगे. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए सुखजिंदर सिंह रंधावा इस पूरे ऑपरेशन में जुट गए हैं. इसी कड़ी में सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शुक्रवार को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात भी की है.

25 सितंबर की रात को मंत्री शांति धारीवाल के घर बैठक के बाद विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी के घर पहुंचकर सामूहिक इस्तीफे सौंपे थे।

नए प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी से उनके सरकारी बंगले पर मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि रंधावा ने सीपी जोशी के साथ मुलाकात में कांग्रेस हाईकमान के मैसेज का हवाला देकर विधायकों के इस्तीफा विवाद को निपटाने पर चर्चा की। रंधावा के स्पीकर से मुलाकात को दोनों गुटों में सुलह की कोशिश के हिस्से के तौर पर ही देखा जा रहा है।23 जनवरी से राजस्‍थान विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। बजट सत्र शुरू होने से पहले गहलोत सरकार भाजपा से विधायकों के इस्‍तीफे के मुद्दे को खत्‍म करना चाहती है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत गुट के विधायकों के इस्तीफों को लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर कर रखी है और इस रिट पर हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से जवाब भी मांगा है।

सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बुधवार शाम सचिन पायलट से जयपुर में उनके घर जाकर मुलाकात की थी।

बता दें कि सिंतबर 2022 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत का नाम आगे आया था तो राजस्थान की कुर्सी पर जमे रहने को लेकर गहलोत गुट के करीब 90 विधायकों ने सीधे कांग्रेस आलाकमान को ‘लाल आखें’ दिखाते हुए 25 सितंबर को इस्तीफे दिए थे। बताते चलें कि उस वक्त राजस्थान के इस सियासी भूचाल पर आलाकमान ने एक लाइन के प्रस्ताव पारित किया था जिसे अजय माकन लाए थे। रंधावा से पहले राजस्थन का सियासी भूचाल माकन ही संभाल रहे थे।

भाजपा ने कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे प्रकरण को मुद्दा बनाया हुआ है. यहां तक कि उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर कर रखी है और इस रिट पर हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से जवाब भी मांगा है. इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के विवाद से जुड़े सवाल पर रंधावा ने कहा कि विवाद सुलझाना उनका काम है और वे फाइव स्टार में नहीं बल्कि लोगों के बीच बैठे हैं और जरूर विवाद सुलझा लेंगे.

सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गुरुवार को मंत्रियों के साथ बैठक की थी, इस बैठक में भी दोनों गुटों का विवाद सुलझाने पर बात हुई थी।

About Sonal Pandey

Check Also

जदयू जिला कार्यकर्ता सम्मेलन, ‘भाजपा भगाओ देश बचाओ’ का लिया संकल्प

बापू भवन टाउन हॉल में सैकड़ों ने लिया “भाजपा भगाओ देश बचाओ” का संकल्प  यूपी …