कामदा एकादशी 2022:
यदि आप शरीर व मन की शांति चाहते है तो व्रत या उपवास इन सबका हल है। हिन्दू धर्म मे बताए गए सभी व्रतों में सबसे बड़ा व्रत एकादशी का है। यह एकादशी माह में दो बार आती है जिसे शुक्ल एकादशी व कृष्ण एकादशी के नाम से जानते है।
भगवान कृष्ण इस एकादशी व्रत के मुख्य देवता माने जाते है। इस व्रत के दिन इन्हीं की पूजा की जाती है। एकादशी व्रत का काफी महत्व होता है इससे ना सिर्फ मन की शांति मिलती है बल्कि शरीर से गम्भीर रोगों का भी नाश होता है। 12 अप्रैल 2022 को कामदा एकादशी का पर्व है।
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कामदा एकादशी पूजा विधि:
सबसे पहले सुबह जल्दी उठें व स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देवें। भगवान कृष्ण की आराधना करते हुए उन्हें, पीले फूल, पंचामृत व तुलसी व फल चढ़ाएं। इसके बाद मंत्रो का उच्चारण करते हुए भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करें। आपको चाहिए कि इस दिन आप केवल फलाहार लें। यदि आप एक वेला व्रत कर रहे है तो केवल वैष्णव भोजन ही लें। दूसरे दिन किसी गरीब को एक वेला का भोजन दान कर दें। इस दिन आप गुस्सा करने से बचें व मन भगवान की आस्था में लगाएं रखें।
सन्तान प्राप्ति के लिए:
भगवान श्री कृष्ण को पति पत्नी मिलकर पीला फल व फूल अर्पित करें। ११ माला केवल सन्तान गोपाल मंत्र का जाप करें। प्रसाद के तौर पर उन फलों को पति पत्नी ग्रहण कर सकते है।
आर्थिक लाभ के उपाय:
पीले फूलों की माला को आप भगवान श्री कृष्ण को अर्पित करें जिसके ठीक बाद 11 माला “ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः” का जाप करें। तथा अपने आर्थिक लाभ के लिए प्रार्थना करें। यह उपाय वर्ष में एक बड़ा अवश्य ही करें।
पाप नाश कैसे करें?
श्री कृष्ण को चंदन की बनी माला चढ़ाएं जिसके बाद आप 11 माला “क्लीं कृष्ण क्लीं” का जाप करें। जिस माला को आपने भगवान को अर्पित किया था इसे अपने पास रखें, यह आपके पापों का नाश करेंगी। आपके सम्मान में वृद्धि होंगी।
एकादशी की शाम होने और भगवान श्री कृष्ण के सामने बैठकर उनका ध्यान करें, उन्हें पीले फूल व चंदन चढ़ाएं जिसके बाद भगवदगीता के 11 वें पाठ पढ़ें। तथा पितरों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करें।