भगवान शनिदेव को कर्मफल दाता का स्थान प्राप्त है। लोग जैसा कर्म करते है शनिदेव उसके अनुसार लोगो को उसका फल देते है। मनुष्य अगर सभी नौ ग्रहों मेसे किसी ग्रह से सबसे ज्यादा डरता है तो वो है शनि ग्रह। ऐसा कहा जाता है कि हर मनुष्य के जीवन मे शनि एक खास भूमिका निभाते है। शनि मकर और कुम्भ राशियों के स्वामी है। कहते हैं जिन लोगों पर शनि की कृपा दृष्टि बरसती है उनका जीवन सुख सुविधाओं से भर जाता है। वही शनि जिनको क्रोध की दृष्टि से देख लेते है उन्हें बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है तो आइए जानते है पांच शक्तिशाली मंत्र जिससे शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है।
शनि मंत्र –
1. वैदिक मंत्र: “ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शं योरभि स्त्रवन्तु न:”
2. शनि तांत्रिक मंत्र: “ॐ शं शनैश्चराय नमः/”
3. शनि बीज मंत्र: “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
शनिदेव के क्रोध से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखे :
शनिदेव को अगर आप खुश करना चाहते है तो इस बात का ध्यान जरूर रखे कि मेहनत करने वालों का हमेशा सम्मान करें। निर्धन और कमजोर लोगों का कभी अपमान न करें। महिलाओं का सम्मान करें ।जानवरो को किसी प्रकार की हानि न पहुँचाये। और गलत कार्यो को करने से बचे ।
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इन चीजों के दान से शनि ग्रह को करें मजबूत
काले वस्त्र
काली उदड़ दाल
सरसों का तेल
काला कंबल
काला छाता
जामुन
काली गाय
काले जूते
भैंस
नीलम रत्न
शनि के लिये रुद्राक्ष:
शनि ग्रह को मजबूत करने के लिये 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है।
सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:
ॐ हूं नमः।
ॐ ह्रां क्रीं ह्रीं सौं।।
शनिदेव के लिये व्रत:
भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को व्रत अवश्य रखे। व्रत रखने के बाद पूरे विधि विधान से शनिदेव की पूजा करे। शनि देव के मंदिर जाकर उनके समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं। जरूरतमंद लोगो को दान अवश्य करें। शनि चालीसा का पाठ करें।