माता लक्ष्मी से मोती का सम्बन्ध
किन्हें धारण करना चाहिए मोती
मोती रत्न धारण करने के लाभ
धर्म डेस्क: 84 उपरत्न और 9 रत्नों का वर्णन रत्न शास्त्र में मिलता है। लेकिन इनमें से प्रमुख 5 रत्नों का ही वर्णन मिलता है। जिसमें पुखराज, माणिक्य, मोती, मूंगा और नीलम शामिल है। तो आज हम यहां बात मोती रत्न की बात करने जा रहे हैं, जिसका संबंध चंद्र ग्रह से है।
चंद्रमा को ज्योतिष शास्त्र में मन का कारक माना जाता है। रत्न शास्त्र के आधार पर जिन लोगों का चंद्रमा अशुभ या कमजोर होता है, वे लोग मोती धारण करते हैं। तो चलिए जानते हैं मोती पहने के क्या क्या फायदे हैं और इसे धारण करने का सही तरीका क्या है।
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जानिए मोती रत्न धारण करने के लाभ:
मोती रत्न गोल व सफेद रंग का होता है। मोती समुद्र में सीपियों से मिलता है। मोती का स्वामी चंद्रमा माना जाता है वहीं ज्योतिष विज्ञान के आधार पर चंद्रमा को मन का कारक कहा जाता है। चंद्रमा का प्रभाव हमारे मस्तिष्क और मन पर सबसे अधिक होता है। मन को शांत और दिमाग को स्थिर बनाने के लिए इस रत्न को लोग धारण करते हैं। वहीं जो लोग अवसाद में चले जाते हैं, उन लोगों को भी मोती धारण करना लाभकारी माना गया है।
इन राशि वालों को करता है सूट:
ज्योतिष के अनुसार जब भी चंद्रमा की महादशा होती है तो मोती धारण किया जाना चाहिए। यदि राहु या केतु की युति हो तब भी मोती अच्छा रहता है। जब चंद्रमा पाप ग्रहों की दृष्टि में है तब भी मोती पहनना की शुभ माना जाता है। चंद्रमा अगर जन्म कुंडली में 6, 8 या 12 भाव में स्थित है तब भी आप मोती पहन सकते हैं। चंद्रमा क्षीण हो या सूर्य के साथ हो तब भी आप मोती पहन सकते हैं। कुंडली में अगर चंद्रमा कमजोर स्थिति में है तो भी चंद्रमा का बल बढ़ाने के लिए मोती धारण कर सकते हैं। वहीं अगर चंद्रमा उच्च का कुंडली में स्थित हो तो भी मोती को धारण कर सकते हैं।
मोती का माता लक्ष्मी से संबंध:
मोती का संबंध धार्मिक शास्त्रों में माता लक्ष्मी से माना जाता है। मोती को धारण करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि गोल और लंबे आकार का मोती पहनने से धन लाभ होता है और मां लक्ष्मी मेहरबान रहतीं हैं।