17 जून को जुमे की नमाज को लेकर कासगंज प्रशासन मुस्तैद
DIG कि धर्मगुरुओं और जनप्रतिनिधियों से शांति बनाये रखने की अपील
समाज में एकता और शांति बनाए रखने में पुलिस की मदद करें
Up Desk: भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगम्बर मुहम्मद पर दिए गए विवादित बयान के बाद सुलगी यूपी अब धीरे धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन पुलिस के सामने शांति व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती बरकरार है।
आगामी 17 जून को होने वाली जुमे की नमाज को लेकर कासगंज जिला प्रशासन मुस्तैद दिख रहा है , पुलिस सोशल मीडिया पर अपनी नजर गढ़ाए बैठी है तो प्रतिदिन पूरे जिले में पैदल मार्च कर खुरापतियों के मन में खौफ पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
मंगलवार को डीआईजी अलीगढ़ दीपक कुमार ने जिले के धर्मगुरुओं और जनप्रतिनिधियों से वार्ता कर शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की, उन्होंने गंजडुंडवारा थाने में आयोजित शांति समिति की बैठक में धर्मगुरुओं के साथ संवाद करते हुए कहा कि वे जिले की गंगा जमुनी तहजीब को बरकरार रख समाज में एकता और शांति बनाए रखने में पुलिस प्रशासन की मदद करें।
तिरंगा यात्रा के दौरान हुए बवाल के बाद से अलीगढ़ का संवेदनशील जिला है कासगंज
आपको बता दें कि 26 जनवरी 2018 में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद से ही कासगंज पुलिस अफसरों के लिए संवेदनशील माना जाता है, 26 जनवरी 2018 को गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा यात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झडप में एक युवक चंदन गुप्ता की जान चली गयी थी, जिसके बाद यूपी का यह जिला उपद्रवियों का किला बन गया था, हिन्दू मुस्लिम समुदाय के बीच हुए इस संघर्ष में सैकड़ों दुकानें लूट ली गईं थी और बाद में उन्हें आग के हवाले कर दिया गया था।
भड़काऊ पोस्ट वाले ग्रुप एडमिन किया जा चुका है गिरफ्तार
कासगंज एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे का कहना है कि जनपद की साइबर सेल पूर्ण रूप से चौकन्नी है, वह लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर की जा रही विवादित पोस्ट और बयानों पर लगातार नजर बनाए हुए है। कल एक व्हाट्सएप ग्रुप में भड़काऊ बयान पोस्ट करने के मामले में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ग्रुप एडमिन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है ।