सरकारी विभाग और रिश्वत के खिलाफ… ये उतना ही मुश्किल हो चला है जितना दूध में से पानी को अलग कर पाना… सरकार चाहे कितने ही दावे कर ले कि विभाग में रिश्वत नहीं चलेगी अधिकारी जनता की मजबूरी का फायदा नहीं उठाएंगे… लेकिन क्या वाकई ऐसा संभव है… हमें नहीं लगता… ताजा मामला यूपी के प्रतापगढ़ का है जहां लेखपाल साहब रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए हैं…
साहब जी जमीन के पट्टा का मामला संभाल रहे थे… जिसके एवज में पीड़ित से 5 हजार रुपयों की मांग कर रहे थे… आखिर इन जैसे अधिकारियों को कौन समझा कि, साहब आप जिनसे रिश्वत की मांग कर रहे हो वो पहले से ही बहुत सताए हुए हैं… और ये हैं कि, जख्म को कुरेदने पहुंच गए…
खैर पीड़ित ने गलत के सामने घुटने न टेकने के बजाए साहब को सबक सिखाने का मन बनाया और एंटीकरप्शन लखनऊ की टीम को अपनी पूरी आपबीति सुना डाली… पीड़ित की शिकायत पर एंटीकरप्शन टीम तुरंत एक्शन में आई… एन्टी करप्शन टास्कफोर्स प्रभारी लक्ष्मी कांत यादव ने बताया कि, 20 जून को शिकायतकर्ता आशीष सिंह जो लालगंज के मंगापुर के रहने वाले है… उन्होने शिकायत दर्ज कराई कि, लालगंज तहसील का लेखपाल राजस्व संजय यादव जमीन पट्टा करने के एवज में उनसे 5 हजार की घूंस मांग रहा है…
इस शिकायत के बाद इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह की अगुआई में लखनऊ से दो गाड़ियों से लगभग एक दर्जन सदस्यों की टीम लालगंज पहुंची और लालगंज तहसील के पास लखनऊ वाराणसी हाइवे पर स्थित सहकारी समिति के सामने राजस्व लेखपाल संजय यादव को 5 हजार घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया…
गिरफ्तार करने के बाद घूसखोर लेखपाल को लेकर टीम नगर कोतवाली पहुंची जहां उच्चाधिकारियों को सूचित करने के साथ टीम लिखापढ़ी में जुटी हुई है… लिखापढ़ी पूर्ण होने के बाद गोरखपुर स्थित अदालत में अधिकरी को पेश किया जाएगा… बताया जा रहा है कि, गिरफ्तार लेखपाल पहले भी घूसखोरी के मामले में निलंबित हो चुका है.. लेकिन अफसोस कि बात इनको अब भी समझ नही आ सकी…