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शतरंज ओलंपियाड की मशाल का ताजनगरी में स्वागत, अब हर बार भारत से ही शुरू होगी मशाल

 

  • शतरंज ओलंपियाड की मशाल का स्वागत
  • ताजनगरी आगरा में हुआ स्वागत
  • चेस ग्रैंडमास्टर अवंतिका अग्रवाल ने थामी मशाल

आगरा- देश में पहली बार शतरंज ओलंपियाड का  आयोजन होने जा रहा है। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में 28 जुलाई से 9 अगस्त तक होने वाले 44वें शतरंज ओलंपियाड की मशाल आगरा पहुंची। ताज के साए में मेहताब बाग स्थित ताज व्यू प्वाइंट पर मशाल का भव्य स्वागत किया गया। मशाल के मेरठ से आगरा पहुंचने पर इंटरनेशनल चेस ग्रैंडमास्टर अवंतिका अग्रवाल इसे थामे हुईं थी। आगरा के मेयर नवीन जैन और डीएम प्रभु एन सिंह ने उनका स्वागत किया। इस शतरंज ओलंपियाड में 187 देशों के 2200 से अधिक खिलाड़ी शामिल होंगे।

 देशभर में भ्रमण करेगी मशाल-

शतरंज ओलंपियाड की मशाल को दिल्ली से पीएम मोदी ने देशभर में भ्रमण के लिए रवाना किया था। तब से यह देशभर में भ्रमण कर रही है। मेरठ से आगरा होती हुई, अब यह मशाल कानपुर के लिए रवाना हो गई। आपको बता दें कि पांचवी-छठवीं वीं शताब्दी में शतरंज की शुरुआत भारत से ही हुई थी। उस समय यह चतुरंग के नाम से जाना जाता था। जो भारत से अरब होते हुए यूरोप गया और फिर 15वीं और 16वीं सदी में समय के साथ शतरंज की प्रसिद्धि समूचे विश्व के हर कोने में पहुंची और आज लगभग हर देश में शतरंज खेला जाता है। शतरंज दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाने वाला एक बौद्धिक एवं मनोरंजक खेल है। शतरंज के खेल ने देश को 74 ग्रैंडमास्टर मास्टरदिए हैं और जल्द ही भारत में ग्रैंड मास्टर का शतक बनने जा रहा है।

 भारत से ही होगी शुरुआत-

बता दें कि, शतरंज की मशाल को पहली बार निकाला गया है। अब हर बार शतरंज ओलंपियाड शुरू होने से पहले उसकी मशाल निकालने की शुरुआत भारत से ही होगी। ऑल इंडिया चेस फेडरेशन के अध्यक्ष संजय कपूर ने बताया कि शतरंज की शुरुआत भारत में ही हुई थी लेकिन किन्हीं कारणों से यह अन्य देशों में चला गया अब उसकी घर वापसी हुई है।

आगरा से बृज भूषण की रिपोर्ट

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