बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से रोजगार का होगा सृजन
सात जिलों से गुजरेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
28 महीनों में पूरा हुआ निर्माण कार्य
यूपी डेस्क: उत्तर प्रदेश को आज 6वें एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने जा रही है। जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में पीएम मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर जनता को समर्पित करेंगे। 296 किलोमीटर लंबे इस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का प्रधानमंत्री मोदी ने 29 फरवरी, 2020 को शिलान्यास किया था। इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया है। यूपी में अब तक 5 एक्सप्रेसवे जनता के लिए खोले जा चुके है। इनमें यमुना एक्सप्रेसवे, नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे शामिल है। अब इस कतार में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे भी शामिल हो गया है।
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कुल 296 किलोमीटर लंबे इस चार लेन वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण के द्वारा लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इतना ही नहीं, आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है। यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है। अत्याधुनिक बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे 7 जिलों चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा. इस क्षेत्र में महान औद्योगिक विकास होगा और इससे स्थानीय युवाओं के लिए अधिक अवसर आएंगे. एक्सप्रेसवे में 286 छोटे पुल और 18 बड़े पुल के साथ चार रेल पुल हैं। इसके साथ ही छह टोल प्लाजा, नौ फ्लाईओवर, सात रैंप प्लाजा और 224 अंडरपास भी हैं।
इस एक्सप्रेसवे से अब चित्रकूट से दिल्ली की दूरी महज 6 से 7 घंटे की रह जाएगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन के साथ इटावा व औरैया जिले देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य शहरों से सीधे जुड़ जाएंगे। बुंदेलखंड के 138, इटावा व औरैया के 44 गांवों का सीधा जुड़ाव हो जाएगा। वहीं, प्रयागराज, फतेहपुर, कौशांबी, झांसी, ललितपुर के साथ मध्यप्रदेश के रीवां, सतना, पन्ना, छतरपुर, टीमकमगढ़, निवाड़ी आदि जिलों को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा मिलेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों के लिए हजारों रोजगार का सृजन होगा। बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।
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