शिवसेना में फूट को लेकर दायर याचिकाओं पर आज फैसला नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त तक टाली सुनवाई
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र की प्रमुख राजनीतिक पार्टी शिवसेना में फूट को लेकर दायर याचिकाओं पर आज फैसला नहीं हो सका है। सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त तक महाराष्ट्र संकट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई टाल दी है और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट द्वारा दायर याचिकाओं पर एक हलफनामा दायर करने के लिए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले खेमे को समय दिया है।
1 अगस्त 2022 को होगी मामले की अगली सुनवाई
इस मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने की। सीनियर लॉयर कपिल सिब्बल ने उद्धव ठाकरे गुट की ओर से बहस की। जबकि, एकनाथ शिंदे खेमे के वकील हरीश साल्वे रहे। सुप्रीम अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा, कि ‘राज्यपाल को इस मामले में पक्ष बनाया गया है। इसलिए उन्हें लेकर शब्दों का चयन याचिकाकर्ता को सही तरीके से करना होगा। इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि, वो 01 अगस्त 2022 को मामले की अगली सुनवाई करेगा।
सभी पक्ष दें हलफनामा
आज अदालत ने सभी पक्षों को हलफनामा दायर करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि, शिंदे खेमे तथा उद्धव ठाकरे गुट के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। जिसके बाद, महाराष्ट्र के गवर्नर की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को भरोसा दिया किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होगी।
विधायक दल के नेता को हटाने की प्रक्रिया विधायक दल के अधिकार क्षेत्र: चीफ जस्टिस
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि, ‘विधायक दल के नेता को हटाने की प्रक्रिया विधायक दल के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने कहा, उस नेता को चुनने में अधिकांश मेंबर की राय होती है।’ जिसके जवाब में उद्धव खेमे के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि, ‘नेता तय करने के लिए उन्हें विधायक दल की बैठक करनी होगी। लेकिन, इसके बजाय वे कहीं और बैठ गए। कहा, कि नेता बदल दिया गया।’
बता दें कि उद्धव ठाकरे नीत धड़े ने तीन और चार जुलाई को हुई महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही की वैधता को चुनौती दी है, जिसमें विधानसभा के नए अध्यक्ष का चयन किया गया था और इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शक्ति परीक्षण में बहुमत साबित किया था। इसके अलावा, एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का आमंत्रण देने वाले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्णय के खिलाफ भी उद्धव गुट ने याचिका दायर की है।