आज सुबह हरिद्वार में गंगा नदी में सात कावड़िए बहे
सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान में बचाए कावड़िए
नेशनल डेस्क: उत्तराखंड स्थित धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा नदी में बीते कुछ दिनों से काफी तेज बहाव है। इसके चलते शुक्रवार की सुबह सात कावड़िए बह गए. जिनको सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान में बचाया गया। वहीं, हरिद्वार में गंगा घाटों पर तैनात जल पुलिस और एसपीओ के द्वारा कांवड़ियों पर पैनी नजर रखी जा रही है और अप्रिय घटना होने पर मुस्तैदी से कार्य कर जीवनदान दिया जा रहा है।
बता दें, कांवड़ के सीजन में हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड से लेकर हरिद्वार में गंगा के तमाम घाटों पर कांवड़ियों का रेला उमड़ता है। ऐसे में कई बार कांवड़िए अपनी लापरवाही से गंगा की तेज धारा में बह जाते हैं, जिनको मौके पर तैनात जल पुलिस और एसपीओ के द्वारा बचाया जा रहा है।
#WATCH उत्तराखंड: हरिद्वार में गंगा नदी में तेज बहाव के चलते 7 कावड़िए बह गए जिनको सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान में बचाया गया। pic.twitter.com/Z3sFocyDFH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2022
बढ़ाई गई व्यवस्था
बीते सालों में कांवड़ के दौरान गंगा में नहाते समय डूब कर होने वाली कांवड़ियों की मौत पर लगाम लगाने के लिए इस बार पुलिस ने गंगा घाटों पर जल पुलिस की व्यापक स्तर पर तैनाती की है। 100 से अधिक सरकारी व निजी गोताखोरों को डूबते कांवड़ियों को बचाने के लिए लगाया गया है।
22 टीमों के हाथ कमान
कांवड़ के दौरान सड़क पर पुलिस की मौजूदगी बेहद अहम है। उससे भी ज्यादा जरूरी अब पानी के बीच जल पुलिस की मौजूदगी होती नजर आ रही है क्योंकि सड़क पर दुर्घटना की संभावना पानी से काफी कम है। पानी में डूबते लोगों को बचाने के लिए हरिद्वार के अलग अलग घाटों पर जल पुलिस की 22 टीमों को लगाया गया है। एक टीम में 5 से लेकर 7 तक सदस्य होते हैं।
आर्मी की तैराक दल ने अब तक 18 कावड़ियों को बचाया: जोनल मजिस्ट्रेट
जानकारी देते हुए जोनल मजिस्ट्रेट नरेश चौधरी ने बताया, “आर्मी की तैराक दल ने अब तक 18 कावड़ियों को बचाया है। हम घाटों पर लोगों से तेज प्रवाह में न जाने की अपील भी करते हैं। कल भी एक महिला तेज प्रवाह में बह गई थी जिनको बचाया गया। उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं।” हालांकि स्थानिय प्रशासन लगातार भक्तों से नदी के तेज धार में नहीं जाने और किनारे बनाए गए घाटों पर ही स्नान करने की अपील कर रहा है।