डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज सातवीं पुण्यतिथि
नेताओं ने दी श्रद्धाजंलि
नेशनल डेस्क: भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज सातवीं पुण्यतिथि है। आज भले ही डॉ एपीजे अब्दुल कलाम हम सभी के बीच नहीं हैं लेकिन उनका आदर्शों भरा जीवन हर एक देशवासी को जीवन में अग्रसर रहने और सफलता की सीढ़ियों पर निरंतर चलते रहने को प्रेरित करता है। इस अवसर पर कई नेताओं ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज सातवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धाजंलि दी हैं।
पूर्व राष्ट्रपति, ‘भारत रत्न’ डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम जी का पूरा जीवन भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में समर्पित रहा।अपने ज्ञान और सादगी से उन्होंने देश के युवाओं को प्रेरित किया। उनके विचार व आदर्श सदैव देशवासियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन। pic.twitter.com/LPWngbvoCf
— Amit Shah (@AmitShah) July 27, 2022
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विट करके लिखा कि ”पूर्व राष्ट्रपति, ‘भारत रत्न’ डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम जी का पूरा जीवन भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में समर्पित रहा।अपने ज्ञान और सादगी से उन्होंने देश के युवाओं को प्रेरित किया। उनके विचार व आदर्श सदैव देशवासियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे। आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन।”
भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन। सादगी और उच्च विचारों से भरा उनका महान जीवन हम सबको देशसेवा के लिए सदा प्रेरित करता रहेगा।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 27, 2022
वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मे ट्विट करके लिखा ”भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन। सादगी और उच्च विचारों से भरा उनका महान जीवन हम सबको देशसेवा के लिए सदा प्रेरित करता रहेगा।”
भारत के 11 वें राष्ट्रपति की अब्दुल कलाम ने निभाई थी भूमिका
बता दें कि एक एयरोस्पेस वैज्ञानिक होने के साथ ही डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने 2002 से 2007 तक भारत के 11 वें राष्ट्रपति की भूमिका निभाई है। उन्होंने देश की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के साथ भी काम किया है। भारत में हर कोई उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जानता है।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत को विश्व शक्ति बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण परमाणु परीक्षणों में से एक पोखरण-II में केंद्रीय भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही उन्होंने रक्षा क्षेत्र को आगे ले जाते हुए भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण वाहन टेक्नोलॉजी का विकास किया। उनकी लिखी किताब ‘विंग्स ऑफ फायर’ आज भी कई युवाओं को सपनों की उड़ान सीखा रही है।
15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था अब्दुल कलाम का जन्म
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। 83 वर्ष की आयु में IIM शिलांग में लेक्चर देने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से 27 जुलाई 2015 को उनका निधन हो गया था। उनका पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था।