सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को लगा बड़ा झटका
PMLA के तहत गिरफ्तारी को ईडी के अधिकार को रखा बरकरार
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्टसे विपक्ष को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तारी को ईडी के अधिकार को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा, ईडी की गिरफ्तारी की प्रक्रिया मनमानी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के कई प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया। हालांकि, कोर्ट ने कानून में फाइनेंस बिल के जरिए किए गए बदलाव के मामले को 7 जजों की बेंच में भेज दिया है।
दरअसल, विपक्ष ने याचिका दायर PMLA के कई प्रावधानों को कानून और संविधान के खिलाफ बताया था। वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दायर याचिका को रद्द करते हुए कानून को सही बताया है। कोर्ट ने कहा, मनी लॉन्ड्रिंग एक स्वतंत्र अपराध है। उसे मूल अपराध के साथ जोड़ कर ही देखने की दलील खारिज की जा रही है। कोर्ट ने ये भी कहा कि, सेक्शन 5 में आरोपी के अधिकार भी संतुलित किए गए हैं। ऐसा नहीं कि सिर्फ जांच अधिकारी को ही पूरी शक्ति दे दी गई है।
सेक्शन 5, 18, 19, 24 वैध
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सेक्शन 18 वैध बताया साथ ही सेक्शन 19 में हुआ बदलाव भी करार किया है। सेक्शन 24 भी वैध है साथ ही 44 में जोड़ी गई उपधारा भी सही बताई गई है। दरअसल, दायर याचिका में PMLA के कई प्रावधान कानून के खिलाफ बताए गए थे। दलीलों में इस्तेमाल गलत तरीके से किए जाने की बात की थी।
याचिका में क्या कहा गया था?
PMLA कानून के तहत गिरफ्तारी, जमानत देने, संपत्ति जब्त करने का अधिकार CrPC के दायरे से बाहर है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में PMLA एक्ट को असंवैधानिक बताते हुए कहा गया था कि इसके CrPC में किसी संज्ञेय अपराध की जांच और ट्रायल के बारे में दी गई प्रक्रिया का पालन नहीं होता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने PMLA एक्ट के तहत ईडी के अधिकार को बरकार रखा है।
17 साल में 23 लोग दोषी ठहराए गए
केंद्र सरकार ने लोकसभा में बीते सोमवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि 17 साल पहले कानून के लागू होने के बाद PMLA के तहत दर्ज 5,422 मामलों में केवल 23 लोगों को दोषी ठहराया गया है। 31 मार्च, 2022 तक ईडी ने PMLA के तहत करीब 1,04,702 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की और 992 मामलों में चार्जशीट दायर की, जिसमें 869.31 करोड़ रुपये जब्त किए गए और 23 आरोपियों को दोषी ठहराया गया।