संजय राउत की आज होगी ईडी कोर्ट में पेशी
संजय राउत से करीब 18 घंटे की गई पूछताछ
पात्रा चॉल घोटाला में संजय राउत पर हो रही कार्रवाई
नेशनल डेस्क: रविवार को पात्रा चॉल भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना के नेता संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया था। संजय राउत से करीब 18 घंटे की लंबी पूछताछ की गई। वहीं, आज संजय राउत को गिरफ्तारी के बाद आज सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर ईडी कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, संजय राउत की गिरफ्तारी के बाद ED दफ्तर के बाहर शिवसेना के कार्यकर्ता इकट्ठे हो गए और जमकर नारेबाजी की।
#WATCH | Mumbai: ED officials arrive at the ED office with Shiv Sena leader Sanjay Raut after he was detained from his residence pic.twitter.com/sfHPKQHwnW
— ANI (@ANI) July 31, 2022
जांच में सहयोग नहीं करने के कारण राउत गिरफ्तार: ईडी
वहीं, ईडी अधिकारियों ने बताया कि जांच में सहयोग नहीं करने के कारण राउत को गिरफ्तार किया है। ईडी उन्हें सोमवार को विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश कर उनकी रिमांड मांगेगी।
संजय राउत गिरफ्तार
ईडी को संजय राउत के घर से 11.5 लाख रुपए मिले हैं। जिसकी ईडी संजय राउत से उन पैसों की जानकारी मांग रही है। ईडी के एक बड़े अधिकारी ने बताया की इन पैसों से जुड़े सवाल का जवाब नहीं पाए थे। इस मामले में आगे की जांच की जा रही है। संजय राउत के घर से पात्रा चॉल से जुड़े कई अहम दस्तावेज भी जब्त किया गया है।
क्या है पात्रा चॉल घोटाला
मुंबई पश्चिमी उपगनर के गोरेगांव स्थित सिद्धार्थ नगर के पात्रा चॉल के 47 एकड़ जमीन पर 672 परिवारों के घरों के पुनर्विकास के लिए साल 2007 में सोसायटी द्वारा महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंड अथॉरिटी (म्हाडा) और गुरू कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था। इस करार के तहत कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर म्हाडा को देने थे। उसके बाद बची हुई जमीन प्राइवेट डेवलपर्स को बेचनी थी। डीएचआईएल के राकेश वधावन, सारंग वधावन, प्रवीण राउत और गुरू आशीष इस कंपनी के निदेशक थे।
आरोप है कि कंपनी ने म्हाडा को गुमराह कर पात्रा चॉल की एफएसआई 9 अलग-अलग बिल्डरों को बेच कर 901 करोड़ रुपये जमा किए। उसके बाद मिडोज नामक एक नया प्रोजेक्ट शुरू कर फ्लैट बुकिंग के नाम पर 138 करोड़ रुपये वसूले गए। लेकिन 672 लोगों को उनका मकान नहीं दिया गया। इस तरह पात्रा चॉल घोटाले में 1039.79 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। उसके बाद 2018 में म्हाडा ने गुरू कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया।