मंत्री राकेश सचान को एक साल की सजा
कोर्ट ने लगाया 1500 रुपये का जुर्माना
एसीएमएम-3 कोर्ट ने मंत्री को दी जमानत
कानपुर: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में लघु उद्योग मंत्री राकेश सचान को आर्म्स एक्ट के 31 साल पुराने मामले में कानपुर कोर्ट ने पहले ही दोषी करार दिया था। आज इस मामले में कानपुर की अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट-3 की अदालत ने उन्हें एक साल की सजा सुनाई है। इसका साथ ही उनपर 1500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें 50 हजार के बॉन्ड पर जमानत दे दी है। इसलिए फिलहाल वह जेल नहीं जाएंगे। बता दें कि मंत्री राकेश सचान ने कानपुर कोर्ट में आज सोमवार को ही सरेंडर किया था।
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बता दें कि नौबस्ता में 13 अगस्त 1991 को तत्कालीन एसओ बृजमोहन उदेनिया ने राकेश सचान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें आरोप था कि उनके पास से राइफल बरामद हुई है, जिसका लाइसेंस वह नहीं दिखा सके। इसी मामले में शनिवार को कोर्ट ने अभियुक्त राकेश सचान को दोषी करार दिया था। सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अदालत को सजा सुनानी थी। मंत्री को दोषी करार दिए जाने की सूचना पर वकीलों और समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया था। इसी बीच अभियुक्त राकेश सचान कोर्ट के आदेश की प्रति लेकर ही कोर्ट से चले गए थे। अभियुक्त द्वारा आदेश की प्रति ले जाने से कोर्ट में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। दिन भर आपाधापी के बाद देर शाम एसीएमएम तृतीय की रीडर ने राकेश सचान के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी थी।
इससे पहले लघु उद्योग मंत्री राकेश सचान ने आज ही कोर्ट में सरेंडर किया था। अदालत में सजा पर सुनवाई पूरी हो गई है। राकेश की ओर से वकील ने सामाजिक व राजनीतिक जीवन का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की मांग की। वहीं अभियोजन की ओर से अधिकतम सजा का तर्क रखा गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने एक साल कैद और 1500 रुपया जुर्माना की सजा सुनाई। जमानत देने पर उन्हें अपील के लिए रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद सचान ने कहा कि वह न्यायालय के फैसले का सम्मान करते है लेकिन कोर्ट के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील करेंगे।
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