स्पाइस जेट की फ्लाइट के अंदर पानी टपका
यात्रियों में मची अफरा-तफरी
शॉर्ट सर्किट के डर से यात्रियों को किया परेशान
नेशनल डेस्क: मुंबई से जबलपुर आ रहे स्पाइस जेट की फ्लाइट के अंदर पानी टपकने लगा। इसे देखकर यात्री हैरान हो गए। फ्लाइट में पानी आने के कारण लोगों में अफरा-तफरी मच गई और उनमें बैचेनी बढ़ गई।
ये है पूरा मामला
दरअसल, मुंबई से जबलपुर आ रही फ्लाइट नंबर 3003, जो बीती शाम जबलपुर पहुंची थी, उसमें कई यात्री सवार थे, लेकिन जबलपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष कमल ग्रोवर भी उसी फ्लाइट में यात्रा कर रहे थे, जिसकी सीट संख्या 19 क् था। उन्होंने विमान के रूफ से पानी टपकने को लेकर अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया। वह इस विमान से अपने भाई के साथ जबलपुर आ रहा था, लेकिन कुछ ही दूरी पर फ्लाइट की छत से पानी टपकता देख उसके होश उड़ गए। यह देख लाइट के पैनल से जुड़ी छत में पानी टपकने लगा। जब उन्होंने इसकी शिकायत एयर होस्टेस से की और कैप्टन को बुलाने की बात कही तो उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसे मामूली घटना बताया गया और एसी के डक्ट से पानी रिसने की बात कही गई।
एयरहोस्टेस ने टपकते पानी को एसी का पानी बताकर झाड़ा पल्ला: यात्री
यात्रियों ने बताया कि फ्लाइट के अंदर कई सीटों पर पानी बह रहा था। उन्होंने इसकी शिकायत एयर होस्टेस से की, लेकिन उसने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। यात्रियों का आरोप है कि एयरहोस्टेस ने टपकते पानी को एसी का पानी बताकर पल्ला झाड़ लिया। इस दौरान फ्लाइट में मौजूद पैसेंजर ने पूरी घटना का वीडियो बना दिया। अब सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
शॉर्ट सर्किट के डर से यात्रियों को किया परेशान
फ्लाइट में लाइट के पास से पानी टपक रहा था। इसलिए शॉर्ट सर्किट का डर भी यात्रियों को सता रहा था। इतना ही नहीं फ्लाइट की लैंडिंग को लेकर यात्री कई तरह की आपत्तियां भी उठा रहे थे, क्योंकि उनका कहना था कि जब फ्लाइट को रनवे पर उतारा गया तो ऐसा लगा जैसे रनवे पर पटक दिया गया हो। मुंबई से जबलपुर फ्लाइट पहुंची, उसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।
पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब स्पाइसजेट के विमान से यात्रा करने वाले यात्रियों को शॉर्ट सर्किट होने से पहले किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा हो। केबिन में धुआं था और कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ऐसे में मांग है कि विमान के सुरक्षा उपायों का भी हर 6 महीने में ऑडिट किया जाए ताकि यात्रियों की जान को खतरा न हो।