प्रयागराज में गंगा-यमुना ने मचाई तबाही
बाढ़ से हजारों लोग हुए प्रभावित
बाढ़ पाड़ितों को समय पर पहुंचाई जा रही मदद
प्रयागराज: संगमनगरी में गंगा-यमुना विकराल रूप रूप धारण कर चूंकि गंगा-यमुना में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली से आ रहे पानी से यमुना उफान पर है। प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं और अब जबरदस्त तबाही मचाने लगी हैं। नदियों में आए उफान की वजह से अकेले शहरी इलाके के 3 दर्जन से ज्यादा मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। एनडीआरएफ की टीमें नावों से गलियों में जाकर रेस्क्यू करते हुए बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालकर उन्हें सुरक्षित जगहों तक पहुंचा रही हैं। सीएम योगी के निर्देश के बाद बाढ़ में फंसे लोगों की प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद की जा रही है। पुलिस बल और एनडीआरएफ के जवानों द्वारा पानी में फसे लोगों को घर से सुरक्षित जगह पहुंचाने का सिलसिला जारी है। जलस्तर में बढ़ोत्तरी को देखते हुए कई इलाकों में एनडीआरएफ और पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
जिले में 14 से ज्यादा बाढ़ राहत शिविर क्रियाशील किए गए हैं। डीएम संजय खत्री के मुताबिक अब तक 4 बाढ़ राहत शिविरों में लगभग 31 सौ लोग शिफ्ट हुए हैं। यहां पर इनके लिए प्रकाश, पानी और स्वच्छता की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही नाश्ते और भोजन का भी प्रबंध किया गया है। इन शिविरों में डाक्टर और सुरक्षा के लिए पुलिस की व्यवस्था की गई है। मजिस्ट्रेट और महिला पुलिस की भी तैनाती की गई है। डीएम के मुताबिक बाढ़ का पानी जैसे जैसे बढ़ेगा और भी लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में शिफ्ट किया जाएगा। लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। पुलिस पेट्रोलिंग की जा रही है और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही है।
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बाढ़ प्रभावित तमाम लोगों ने सुरक्षित जगहों पर शरण ले ली है। अब तक करीब 31 सौ लोग बाढ़ राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं। वहीं राहत शिविर में सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं से पीड़ित परिवार संतुष्ट दिखाई दे रहे है। उनका कहना है कि, सरकार इस मुश्किल हालात में हर संभव मदद कर रही है। वहीं एक स्थानीय निवासी शेखर का कहना है कि सरकार और प्रशासन की तरफ से बाढ़ राहत शिविर में खाने पीने की पूरी व्यवस्था किया गया है। समय-समय पर लोगों को खाने को दिया जा रहा है। वहीं एक स्थानीय निवासी अनुपा देवी ने सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि बाढ़ राहत शिविर में लोगों के रहने की सारी व्यवस्था की गई है। प्रसाशन की ओर से पंखा, प्रकाश, पानी, नाश्ते और भोजन का भी प्रबंध किया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नानक शरण के द्वारा नगर क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान बाढ़ प्रभावितों के लिए बनाए गए शरणालयों में क्रमशः पतंजलि ऋषि कुल, उच्च माध्यमिक विद्यालय राजापुर और वाईएमसीए कॉलेज सिविल लाइंस की बाढ़ चैकियों में स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण किया तथा बाढ़ पीड़ित परिवारों से मिलकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारियां प्राप्त की। सभी का स्वास्थ्य सही पाया गया तथा आवश्यकता अनुसार सभी को दवाइयां एवं ओआरएस आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान डॉ ज्योत्स्ना सिंह मौके पर उपस्थित नहीं पायीं गई, जिसके कारण उनका एक दिन का वेतन बाधित करते हुए स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। समस्त बाढ़ चैकियों पर तैनात चिकित्सा अधिकारियों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को समय से ड्यूटी पर उपस्थित रहने हेतु आदेशित किया गया। भ्रमण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ डॉक्टर आरसी पांडे अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रभारी अधिकारी संचारी रोग नियंत्रण इकाई डॉक्टर संजय बरनवाल एवं जिला मलेरिया अधिकारी आनंद कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि, दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। दोनों नदियों ने डेंजर लेवल को पार कर लिया है। ऐसे में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की धड़कनें बढ़ गई है। उधर प्रशासन का कहना है कि, 29 अगस्त तक दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होती रहेगी। हालांकि राहत की बात यह है कि प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों से लोगों को बड़ी राहत मिल रहीं है ।
प्रयागराज से अखबारवाला.कॉम के लिए सैय्यद आकिब रजा की रिपोर्ट।
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