यूपी के कई जिलों में बाढ़ का कहर
डीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का लिया जायजा
अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
बलिया: उत्तर प्रदेश में बारिश के साथ अन्य राज्यों से नदियों में छोड़े जाने वाले पानी की वजह से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। हजारों हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। नदियों किनारे बसे कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। गंगा, यमुना, बेतवा, चंबल, केन आदि नदियों के उफनाने से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। बलिया, प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर, हमीरपुर, फतेहपुर, कन्नौज, इटावा, उरई, कानपुर देहात क्षेत्रों के लोग प्रभावित हुए हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ के चलते सभी जिलों के डीएम को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत बलिया की डीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया।
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बलिया जिले में गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण 27 गांवों की आबादी प्रभावित हुई है। वहीं की गांवों का संपर्क शहरों से टूट गया है। जिसके चलते ग्रामीणों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं बलिया की जिलाधिकारी ने खमनपूरा में बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया । इस अवसर पर उन्होंने टोंस नदी में फीलिंग का कार्य देखा और एक्ससीएन बाढ़ खंड और एक्ससीएन सिंचाई खंड को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारी ने नरही बैरिया में उन स्थानों को भी देखा जहां पर बाढ़ से खेती की भूमि प्रभावित हो गई है। उन्होंने एसडीएम सदर प्रशांत नायक और एक्ससीएन बाढ़ खंड और एक्ससीएन सिंचाई खंड से इस संबंध में बात की और उन्हें निर्देश दिया कि इस समस्या को गंभीरता से लिया जाए और बाढ़ के पानी को खेतों से बाहर निकालने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। जिससे कि किसान अपनी आगे की खेती कर सकें।
जिलाधिकारी ने सोहांव के ब्लाक प्रमुख बंशीधर यादव से भी गांव की समस्याएं पूछी और उन्हें दूर करने का आश्वासन दिया। ब्लाक प्रमुख ने जिलाधिकारी को बताया कि बारिश के समय गंगा का पानी खेतों में आकर भर जाता है, लेकिन उनके निकासी की व्यवस्था न होने के कारण पानी खेतों में लगभग तीन महीने तक रुका रह जाता है। जिसके कारण किसान खेती नहीं कर पाते है। इसके लिए जिलाधिकारी ने एक्सईएन बाढ़ खंड और सिंचाई खंड को निर्देश दिया कि पानी की निकासी की व्यवस्था का प्रोजेक्ट बनाकर उनके सम्मुख जल्द से जल्द लाया जाए। जिससे की आगे की कार्रवाई की जा सके और लोगों को बाढ़ के पानी की समस्या से बचाया जा सके।
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