नई दिल्ली। भारत का बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा माइक्रो-ब्लॉग के रूप में उभर कर सामने आया है। ऐप पर यूजर उनके द्वारा बिताए जाने वाले समय और यूजर के जुड़ाव में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। कू ऐप एकमात्र भारतीय माइक्रो-ब्लॉग है जो ट्विटर, गेट्ट्र, ट्रुथ सोशल, मैस्टडॉन, पार्लर जैसे अन्य वैश्विक माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के साथ टक्कर ले रहा है और यूजर डाउनलोड के मामले में ट्विटर के बाद दूसरे स्थान पर है।
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कू ऐप के सीईओ और सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा कि हम अपने यूजरों से मिली प्रतिक्रिया से अभिभूत हैं और यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि अपने अस्तित्व में आने के बाद केवल 2.5 वर्षों के भीतर आज, हम दुनिया में दूसरे सबसे बड़े माइक्रो-ब्लॉग हैं। लॉन्च के बाद से यूजरों ने हम पर भरोसा किया है। उन्होंने कहा कि केवल हमें क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल अभिव्यक्ति को विकसित करने और बढ़ाने का मौका दिया है, बल्कि इस पर सार्थक चर्चा में शामिल होकर हमारे साथ विकसित हुए हैं।
कू के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका ने कहा कि कू ऐप आज दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा माइक्रो-ब्लॉग है। वैश्विक स्तर पर माइक्रो-ब्लॉगिंग परिदृश्य में हो रहे बदलावों को देखते हुए हम उन भौगोलिक क्षेत्रों तक विस्तार करना चाहते हैं जहां मौलिक अधिकारों के लिए शुल्क लिया जा रहा है। हमारा मानना है कि इंटरनेट पर ऐसे मौलिक उपकरणों की कोई कीमत नहीं होनी चाहिए। एक-दूसरे से सुरक्षित तरीके से जुड़ना और संचार करना या अपनी पहचान साबित करना एक मौलिक अधिकार है।
कू ऐप ने हमेशा विशिष्ट शख्सियतों को एक मुफ्त येलो एमिनेंस टिक और हर नागरिक के लिए एक आसान सेल्फ-वेरिफिकेशन टूल प्रदान किया है और ऐसा करना जारी रखेंगे। हम गर्व से इस ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद के लिए एक बड़े वैश्विक तबके को आमंत्रित करने के लिए बहुत उत्साहित हैं। सबसे पहले भाषा’ दृष्टिकोण को लेकर बनाए गए सभी को एकजुट करने वाला प्लेटफॉर्म होने के नाते कू ऐप का मिशन समान विचारधारा वाले यूजर्स को उनकी पसंद की जुबान में जोड़ना है। एमएलके (मल्टी-लैंग्वेज कूइंग),लैंग्वेज कीबोर्ड,10 भाषाओं में टॉपिक्स,भाषा अनुवाद,एडिट फंक्शन,कई प्रोफाइल फोटो और मुफ्त सेल्फ-वेरिफिकेशन जैसे फीचर इसको अद्वितीय बनाते हैं और अपने यूजरों को सार्थक चर्चा में जुड़ने की आजादी प्रदान करते हैं।
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