जल शक्ति मंत्रालय का अकाउंट रिस्टोर
देश में दूसरा साइबर अटैक
दिल्ली AIIMS के सर्वर पर भी हुआ था साइबर अटैक
देश में हर महीने 3 लाख साइबर अटैक
नेशनल डेस्क:- केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय का ट्विटर हैंडल कुछ ही घंटों में रिस्टोर कर लिया गया है। गरुवार सुबह मंत्रालय के सरकारी अकाउंट को हैक कर लिया गया था। इसके बाद से ही सिक्योरिटी एजेंसी और साइबर एक्सपर्ट जांच में जुटे हुए थे।
Twitter account of ministry of Jal Shakti briefly hacked – Times of India https://t.co/HSo0oijrmu
— Adv Jogendra Singh (@aajtakgudanal) December 1, 2022
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एक के बाद एक ट्वीट किए
मंत्रालय के ट्विटर हैंड से मंगलवार सुबह 5:38 बजे क्रिप्टो वॉलेट सुई वॉलेट को बढ़ावा देने वाला एक ट्वीट किया गया। सुई का लोगो और नाम दिखाने के लिए कवर फोटो के साथ अकाउंट की प्रोफाइल फोटो को तिरंगे से सुई के लोगो में भी बदल दिया गया था। ट्वीट में कई अज्ञात खातों को भी टैग किया गया था। हालांकि, कुछ समय बाद अकाउंट को रिस्टोर कर लिया गया और सारे ट्वीट डिलीट कर दिए गए। सुरक्षा एजेंसियां और साइबर एक्सपर्ट इस घटना की जांच कर रहे हैं।
एम्स पर भी हुआ था साइबर अटैक
इससे पहले एम्स के सर्वर को भी हैक किया गया था । बीते 9 दिन पहले सरकारी अस्पताल पर साइबर अटैक हुआ था। इस दौरान हैकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी में कथित तौर पर 200 करोड़ रुपए की मांग की, हालांकि दिल्ली पुलिस ने किसी भी फिरौती से इनकार कर दिया। इसके बाद जबरन वसूली और साइबर टेररिज्म का मामला दर्ज किया गया। फिलहाल, इंडिया कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि घटना की जांच कर रहे हैं। अभी तक हैकिंग के सोर्स का पता नहीं चला है।
देश में हर महीने 3 लाख साइबर अटैक…
इंडसफेस की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर महीने हेल्थकेयर सेक्टर पर लगभग 3 लाख साइबर हमले होते हैं। ये दुनियाभर में दूसरे सबसे अधिक साइबर हमले हैं। अमेरिकी हेल्थ सेक्टर पर हर माह लगभग पांच लाख साइबर अटैक होते हैं।2020 में कम से कम 130 अलग-अलग रैनसमवेयर एक्टिव थे और 2021 की पहली छमाही में मालवेयर के 30,000 ग्रुप मिले थे। जो समान रूप से दिखते और संचालित होते थे। इनमें से 100 रैनसमवेयर ऐसे हैं जिनकी एक्टिविटी कभी नहीं रुकती है। हमलावर अपने रैनसमवेयर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए जाने-माने बॉटनेट मालवेयर और अन्य रिमोट एक्सेस ट्रोजन (RAT) सहित कई तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।