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तमिलनाडु जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन का शुभारंभ, राज्य पर्यावरण- जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की ओर से है आयोजित

चेन्नई। तमिलनाडु में गुरुवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय ‘तमिलनाडु जलवायु शिखर सम्मेलन- 2022’ में राज्य को जलवायु अनुकूल प्रदेश बनाने के वास्ते आगे बढ़ने के तरीके पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, जलवायु विशेषज्ञ और कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां शामिल हुई। शिखर सम्मेलन का आयोजन राज्य पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग द्वारा किया गया।

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इस सम्मेलन के अवसर पर तिरुवन्नामलाई की विनिशा उमाशंकर सौर ऊर्जा संचालित इस्त्री गाड़ी के अपने नवाचार के बारे में बात करेंगी। उनके इनोवेशन ने पहले ही कई अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल कर ली है और इसी अवसर पर कोयंबटूर जिले के ओडनथुराई गांव के पूर्व पंचायत अध्यक्ष आर. शनमुगम गांव में पवन चक्की की स्थापना के माध्यम से ओदनथुराई गांव में बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता के बारे में अपने अनुभव साझा करेंगे।

सम्मेलन में कई अन्य स्टार्ट-अप इनोवेटर्स के साथ-साथ बायो-माइनिंग, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और वेस्ट मैनेजमेंट सहित अन्य क्षेत्रों में स्थापित व्यवसायों के साथ अनुभव साझा करने का भी मौका होगा। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन को वन मंत्री के. रामचंद्रन, पर्यावरण-जलवायु परिवर्तन और युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री शिव वी. मेयनाथन, वित्त और मानव संसाधन प्रबंधन मंत्री डॉ.पलानीवेल थियागा राजन, और उद्योग मंत्री थंगम थेनारासु और वित्त,उर्जा,उद्योग, नगरपालिका प्रशासन और जल आपूर्ति,जल संसाधन से वरिष्ठ अधिकारी सहित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल की मौजूदगी में शुक्रवार को मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन जलवायु परिवर्तन मिशन के शुभारंभ के साथ करेंगे।

गौरतलब है कि टीएनजीसीसी को कंपनी अधिनियम,2013 की धारा 8 के तहत एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में शामिल किया गया है। इस साल मार्च में जारी एक सरकारी आदेश में पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग ने तमिलनाडु जलवायु परिवर्तन की स्थापना की गयी है, जिसमें बड़े पैमाने पर परिवहन से उत्सर्जन को कम करने, तटीय आवासों के पुनर्वास,तटीय क्षेत्रों में बायो-शील्ड के निर्माण, मैंग्रोव के वृक्षारोपण और अन्य विशिष्ट प्रजातियां,अपशिष्ट से ऊर्जा,हरित ऊर्जा उत्पादन पहल,जलवायु साक्षरता और जलवायु स्मार्ट गांव के लिए वर्ष 2021-2023 मिशन के लिए 77.35 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई है।

उल्लेखनीय है कि यहां की सरकार ने जिला वन अधिकारियों (डीएफओ) को भी जलवायु अधिकारियों के रूप में नामित किया है। ग्रीन स्कूल पहल के तहत,25 सरकारी स्कूलों को ग्रीन स्कूल आत्मनिर्भर बनाने के लिए चुने जाएंगे। इस पहल के लिए पांच करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। स्कूल शिक्षा विभाग इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है।

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