उम्र की गणना के लिए एक नया कानून पास किया,
उम्र मापने की वजह से कई बार भ्रम की स्थिति बन जाती है,
साल 2019 और 2021 में दो सांसदों ने संसद में बिल पेश किया था,
(इन्टरनेशनल डेस्क) दक्षिण कोरियाई सरकार ने अपने नागरिकों की उम्र की गणना के लिए एक नया कानून पास किया है. सरकार का मकसद उम्र की गणना करने के तरीके का मानकीकरण करना था. मौजूदा समय में साउथ कोरिया में उम्र की गणना तीन तरह से होती है. इसमें एक है अंतरराष्ट्रीय उम्र, दूसरा है कोरियाई उम्र और तीसरा है कैलेंडर उम्र के जरिए. तीन तरीकों से उम्र मापने की वजह से कई बार भ्रम की स्थिति बन जाती है. इसे अब रोकने के लिए ही सरकार यह कानून लेकर आई है और अब इस कानून के तहत जून 2023 से सभी ऑफिशियल डॉक्युमेंट्स में मानक अंतरराष्ट्रीय उम्र का इस्तेमाल जरूरी होगा. यानी अब तीन उम्र की जगह एक ही उम्र लिखने की जरूरत होगी.
दक्षिण कोरिया की प्रेसिडेंट इलेक्ट ट्रांजिशन कमेटी के प्रमुख ली योंग हो ने हाल में कहा था कि नई सरकार दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह ही उम्र गिनने के तरीके को देश में लागू करना चाहती है। उन्होंने कहा था कि उम्र की गणना के इस तरीके के चलते स्कूल में दाखिला लेने के दौरान विशेषकर देश से बाहर की यूनिवर्सिटी और नौकरी में कई तरह की दिक्कतें आती हैं।
साउथ कोरिया में जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो उसी समय उसकी उम्र एक साल मानी जाती है। वहीं नया साल आने पर बच्चे की उम्र में एक साल और जुड़ जाता है यानी वह 2 साल का हो जाता है।
पहले भी दक्षिण कोरियाई प्रशासन ने उम्र की गणना के लिए इंटरनेशनल एज स्टैंडर्ड को लागू करवाने का प्रयास कर चुके हैं।साल 2019 और साल 2021 में दो सांसदों ने इसमें बदलाव के लिए संसद में बिल पेश किया था। हालांकि, वह बिल कानून नहीं बन सका।