गोल्ड लोन के नाम पर केनरा बैंक को लाखों रुपये का चूना,
पुलिस ने तीन के खिलाफ शिकायत दर्ज की,
रोहित शर्मा को गिरफ्तार जेल भेज दिया गया,
(उत्तरप्रदेश डेस्क) इटावा जनपद के ढकपुरा गांव निवासी महेंद्र सिंह सिविल लाइंस स्थित केनरा बैंक शाखा में प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने थाने में तहरीर देकर बताया कि बिलारी के उदयनगर कालोनी निवासी सर्राफ रोहित शर्मा उनकी बैंक शाखा में साल 2018 से गोल्ड स्मिथ पैनल के सदस्य हैं।
गोल्ड लोन के नाम पर केनरा बैंक को लाखों रुपये का चूना लगा दिया गया। सोने की शुद्धता का प्रमाण पत्र देने वाले बैंक के सूचीबद्ध पैनल के पदाधिकारी ने अपने रिश्तेदारों के जरिये नकली गोल्ड का आवेदन करा दिया। इसके बाद उसी नकली गोल्ड को 80 फीसदी शुद्धता का प्रमाण पत्र देकर लोन दिला दिया। बैंक अधिकारियों ने बीते दिनों लाकर में गिरवी रखे सोने की दूसरी संस्था के माध्यम से जांच कराई तो पता चला कि जिस सोने को गिरवी रखकर लोन दिया गया है वह मात्र 10 फीसदी शुद्ध है। इस मामले में शाखा प्रबंधक की तहरीर पर सिविल लाइंस पुलिस ने तीन के खिलाफ शिकायत दर्ज की। शुक्रवार को मुख्य आरोपित रोहित शर्मा निवासी बिलारी को गिरफ्तार जेल भेज दिया गया।
कैनरा बैंक की शाहपुर तिगरी शाखा की प्रबंधक डॉ. तुन गोयल ने मझोला थाने में कैनरा बैंक के अनुमोदित स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता रोहित शर्मा, रोहित की पत्नी शिल्पी शर्मा, दिनेश कुमार शर्मा, सिमरन शर्मा और अंकित कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने की धाराओं में एफआईआर हुई है।
बैंक मैनेजर ने अपनी FIR में कहा है कि बैंक के स्वर्ण लोन खाताधारक दिनेश कुमार शर्मा, शिल्पी शर्मा, सिमरन शर्मा और अंकित कुमार द्वारा बैंक में बंधक रखा गया सोना और स्वर्ण आभूषण क्रास वैरिफिकेशन में फर्जी पाए गए हैं। जबकि इन सभी का गोल्ड लोन मंजूर करने से पूर्व बैंक ने अपने अनुमोदित स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता रोहित शर्मा से इन सभी के गोल्ड की शुद्धता की जांच कराई थी। रोहित शर्मा ने स्वर्ण और आभुषणों को शुद्धता की कसौटी पर खरा बताया था, इसके बाद ही बैंक ने सभी को लोन दिया था।
बैंक मैनेजर ने FIR में कहा है कि, बैंक ने इन सभी स्वर्ण ऋण खाता धारकों के बैंक एकाउंट चेक किए तो पता चला कि गोल्ड लोन मंजूर होने के बाद इन सभी खातों से कुछ रकम बैंक के स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता रोहित शर्मा के एकाउंट में ट्रांसफर की गई थी। रोहित के साथ ही उसकी पत्नी शिल्पी के बचत खाते में भी कुछ रकम ट्रांसफर की गई। इस तथ्य से बैंक इस नतीजे पर पहुंचा है कि उसका अनुमोदित स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता लोगों से कमीशन लेकर उनके नकली सोने को असली होने का सर्टिफिकेट बैंक को देता था।
गोल्ड लोन देने वाले सभी बैंक लोन मंजूर करने से पहले बैंक द्वारा अनुमोदित स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता से सोने की शुद्धता की जांच कराकर उसकी रिपोर्ट लेते हैं। इसी के आधार पर लोन मंजूर किया जाता है। इसके साथ ही बैंक समय-समय गोल्ड की शुद्धता के क्रास वेरिफिकेशन के लिए अपने पैनल पर शामिल किसी दूसरे स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता से क्रास जांच भी कराते हैं। करीब 20 दिन पहले कैनरा बैंक की सिविल लाइंस ब्रांच में जब इसी तरह का रूटीन वेरिफिकेशन किसी दूसरे स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता ने किया तो मामला पकड़ में आया।
कैनरा बैंक की सिविल लाइंस ब्रांच में गोल्ड लोन के जितने भी केस में पैनालिस्ट रोहित शर्मा ने सोने की शुद्धता की जांच कर ओके सर्टिफिकेट दिया था, वो सारा सोना क्रास वेरिफिकेशन में नकली निकला। इस घटना के बाद से कैनरा बैंक प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन रोहित के खिलाफ मामला दर्ज कराकर बैंक ने पूरे जिले की सभी शाखाओं में जमा गोल्ड को क्रास वेरिफाई कराने के आदेश दिए। इसी क्रम में शाहपुर तिगरी शाखा में जमा 4 खाताधारकों को गोल्ड भी नकली निकला है।
हैरानी की बात ये है कि इस पूरे खेल की भनक बैंक अफसरों को नहीं लगी। रोहित शर्मा ने अपनी पत्नी शिल्पी के नाम से गोल्ड लोन लिया और बैंक ने इस केस में भी रोहित से ही स्वर्ण की शुद्धता की जांच करा ली। इस तरह के एक नहीं कई मामले हैं जब वो अपनी नजदीकी रिश्तेदारों के गोल्ड लोन खातों में खुद ही मूल्यांकनकर्ता बना। ऐसे में बैंक अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।