बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है सुनवाई
सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी मामले पर विचार
योगी सरकार ने बना दिया है 5 सदस्यीय ओबीसी आयोग
यूपी डेस्क: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनावों को नया अपडेट सामने आया है। खबर यह है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के बिना ही निकाय चुनाव कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ यूपी सरकार की याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा विचार किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यूपी सरकार की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को तत्काल सूचीबद्ध करने का आग्रह किया। उनके आग्रह पर सीजेआई ने याचिका पर बुधवार को विचार करने का निर्णय लिया।
योगी सरकार ने बनाया पांच सदस्यीय आयोग
इसके पहले योगी सरकार द्वारा निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण प्रदान करने के लिए पांच सदस्यीय आयोग का गठन कर दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के निकाय चुनावों पर राज्य सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द करने और ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराने का आदेश देने के एक दिन बाद ही इस आयोग का ऐलान कर दिया गया। इस आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह करेंगे। चार अन्य सदस्य सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चौब सिंह वर्मा और महेंद्र कुमार के साथ ही प्रदेश के पूर्व कानूनी सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा और ब्रजेश कुमार सोनी हैं।
6 महीने होगा आयोग का कार्यकाल
उत्तर प्रदेश के शहरी विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना से स्पष्ट है कि 5 सदस्यीय इस आयोग का कार्यकाल छह महीने के लिए होगा। बता दें कि हाईकोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले का पालन किए बिना ओबीसी आरक्षण के मसौदे की तैयारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आया था। फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा था कि शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना नहीं होंगे।