कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत कियांं
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर SC ने लगाया आरोप
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का साधुवाद की
नई दिल्ली। कांग्रेस ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने का स्वागत किया और कहा कि इस मामले में उसकी प्रदेश इकाई और वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने बतौर वकील मजबूती से लड़ाई लड़ी है।
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मुख्य विपक्षी दल ने ट्वीट किया कि हल्द्वानी में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद रेलवे ने जमीन अतिक्रमण को लेकर करीब 4400 परिवारों को नोटिस भेजा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अधिवक्ता सलमान खुर्शीद जी ने उच्चतम न्यायालय में यह मामला उठाया। अब उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाकर कहा- ये मानवीय मामला है।
उच्चतम न्यायालय का साधुवाद – हल्द्वानी में ग़रीबों के घर उजड़ने से बचा लिए
कांग्रेस पार्टी ने, ख़ासतौर से @INCUttarakhand ने यह लड़ायी पुरज़ोर तरीक़े से लड़ी – न्यायालय में @salman7khurshid जी ने पक्ष को मज़बूती से रख कर न्याय की उम्मीद क़ायम रखी
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उच्चतम न्यायालय का साधुवाद। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का साधुवाद की कि उसने हल्द्वानी में ग़रीबों के घर उजड़ने से बचा लिए कांग्रेस पार्टी ख़ासतौर पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने यह लड़ायी पुरज़ोर तरीक़े से लड़ी। न्यायालय में सलमान खुर्शीद जी ने पक्ष को मज़बूती से रख कर न्याय की उम्मीद क़ायम रखी।
कांग्रेस सांसद और पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख इमरान प्रतापगढ़ी ने ट्वीट किया कि यह न्याय की जीत है, इंसानियत की जीत है। हल्द्वानी के लोगों के सिर से छत नहीं छीनी जायेगी, बच्चों के स्कूल नहीं टूटेंगे, अस्पताल नहीं टूटेगा, मंदिर मस्जिद धर्मशाला नहीं टूटेगी। शुक्रिया माननीय उच्चतम न्यायालय।
बाद में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2022 तक सबका अपना पक्का मकान होने का वादा किया था। अगर उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री के वादे का सम्मान करेगी तो लोगों के साथ खड़ी होगी, हालांकि मुझे इसकी उम्मीद नहीं है। उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी में उस 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को रोक लगा दी।
रेलवे का कहना है कि उसकी इस 29 एकड़ से अधिक भूमि पर अतिक्रमण है। उच्चतम न्यायालय ने साथ ही रेलवे तथा उत्तराखंड सरकार से हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब मांगा है।
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