दो होटलों को गिराने का काम आज तीसरे दिन भी जारी
हाईवे पर स्थित दो और होटल भूधंसाव की वजह से झुके
कर्णप्रयाग में मुआवजा से पहले शिफ्ट होने को तैयार नहीं प्रभावित
Joshimath Sinking: जोशीमठ के डेंजर जोन में भूधंसाव के कारण खतरा बने दो होटलों मलारी और माउंट व्यू के बहुमंजिला भवन गिराने का काम आज भी जारी है। वहीं, होटलों के ऊपरी मंजिल की चौखटें निकाल ली गई हैं। दूसरी तरफ हाईवे पर स्थित दो और होटल कामेट लाज व स्नो क्रिस्ट भूधंसाव के कारण झुक गए हैं। खतरा देखते हुए इन होटलों को खाली करने का काम शुरू हो गया है। वहीं, औली रोपवे के टावरों के आसपास भी दरारें निरंतर बढ़ रही हैं। भवनों में भी नई दरारें आने और पुरानी दरारों की चौड़ाई में बढ़ोतरी का क्रम जारी है। इस सबसे आमजन के साथ शासन, प्रशासन और सरकार के माथे पर चिंता के बल भी बढ़ गए हैं।
नगर पालिका कर्णप्रयाग के अंतर्गत भूधंसाव प्रभावित बहुगुणानगर वार्ड के आठ परिवारों ने सुरक्षित स्थान पालिका के रैन बसेरे में शिफ्ट किए जाने से पहले मुआवजा देने की मांग की है। बहुगुणानगर वार्ड में 28 भवनों में दरारें हैं। प्रशासन की संयुक्त टीम के निरीक्षण में यहां के आठ भवनों में ज्यादा दरारें पाई गई और आठ परिवारों को यहां से शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह देव ने बताया लगातार भूधंसाव वाले क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। फिलहाल कोई भी परिवार रैन बसेरे में स्थायी तौर पर शिफ्ट नहीं हुआ है।
जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के लिए राज्य सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही है। जिन प्रभावितों के पास सुरक्षित स्थलों पर अपनी भूमि है, उनके लिए वहीं उनकी जरूरत के अनुरूप प्रीफैब्रिकेटेड हट बनाए जाएंगे। इसके अलावा जिन परिवारों के पास भूमि उपलब्ध नहीं है, उनके लिए सरकार स्थायी पुनर्वास होने तक अपनी भूमि पर इसी तरह के हट्स बनाकर देगी।प्रभावितों की सहमति पर ही इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत सिन्हा ने शनिवार को जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों की ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी। डा सिन्हा के अनुसार कुछ आपदा प्रभावितों ने सुरक्षित स्थल में स्थित अपनी भूमि में प्रीफैब्रिकेटड हट बनाने पर सहमति दी है। इनका निर्माण सोमवार से शुरू होगा।उन्होंने बताया कि ऐसे हट का डिजाइन केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की तैयार करेगा। हट्स बनाने के लिए संस्थान के पास चार एजेंसियां नामित हैं। तीन-चार दिन के भीतर ये हट तैयार कर लिए जाते हैं।