मुस्लिम टीचर का झंडा फहराने से इनकार
हम भी तो मुस्लिम कार्यक्रम में मत्था टेकते हैं
विभाग करेगा मामले की जांच
(उत्तरप्रदेश डेस्क) जहां एक और देश में 74 वा गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम ओर हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। तो वहीं यूपी के जनपद अलीगढ़ मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर तहसील इगलास क्षेत्र के गांव लखटोई के प्राइमरी प्राथमिक विद्यालय से एक मुस्लिम शिक्षक हसमुद्दीन का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।जहां लखटोई गांव के प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक हसमुद्दीन के द्वारा भारत माता व सरस्वती माता के चित्र पर पुष्प अर्पित करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया।
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के तहसील इगलास क्षेत्र के गांव लखटोई के प्राइमरी प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक हसमुद्दीन का 2 मिनट 33 सेकंड का एक वीडियो काफी तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं.सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में शिक्षक हसमुद्दीन लकड़ी की कुर्सी पर बैठा हुआ है और क्लास रूम के अंदर बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।तभी 74 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर लकड़ी की कुर्सी पर बैठे मुस्लिम शिक्षा हसमुद्दीन के पास 2 से 3 लोग पहुंचते हैं.और मुस्लिम शिक्षक हसमुद्दीन से कहते हैं कि ये आपकी गलत बात है, हम लोग भी तो मुस्लिम लोगों के कार्यक्रम में जाते हैं।इस पर मुस्लिम शिक्षक हसमुद्दीन ने कहा कि वह ऊपर वाले के सिवाए किसी के सामने अपना मत्था नहीं टेकेंगे। जिस पर लोगों ने कहा कि तुमसे कोई मत्था टेकने के लिए नहीं कह रहा है। तुम भारत माता और सरस्वती माता के चित्र पर पुष्प चढ़ाओ ओर चले आओ।हम लोग भी तो वहां पर मत्था टेकते हैं।
मामले पर मुस्लिम शिक्षक कहता है वह बात उनकी सही है कि आप मत्था टेकते हैं।जिस पर वो लोग मुस्लिम शिक्षक से फिर कहते हैं कि उनकी बात को माने और भारत माता व सरस्वती माता के चित्र पर पहुंचकर एक पुष्प चढ़ाकर आए। क्योंकि हम हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब एक हैं।
इसकी जानकारी मिलते ही गांव के प्रधान मान सिंह और अन्य लोग स्कूल पहुंच गए। लोगों ने मुस्लिम शिक्षक से कहा कि आपकी प्रॉब्लम क्या है? आपने सरस्वती माता के चित्र पर पुष्प अर्पित करने से मना क्यों कर दिया। जवाब में हसमुद्दीन ने कहा कि उसकी तीन-चार दिन से तबीयत खराब थी। इस पर लोगों ने कहा-आपको छुट्टी ले लेनी चाहिए थी। हसमुद्दीन ने कहा- छुट्टी के लिए एप्लिकेशन दी थी, लेकिन नामंजूर कर दी गई थी।
जिस पर लोगों ने कहा- आप गणतंत्र दिवस पर हाथरस से यहां स्कूल आए हैं। आपको आने में कोई दिक्कत नहीं हुई। लेकिन आपको चित्र पर माल्यार्पण करने में परेशानी हो रही है।