रामचरितमानस की प्रतियां जलाने का मामला
स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
स्वामी के समर्थन में ओबीसी समाज
(उत्तरप्रदेश डेस्क) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां जलाए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों के खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने के मामले में केस दर्ज किया गया है. समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपर भी एफआईआर दर्ज की गई है. स्टेशन हाउस ऑफिसर राजेश राणा ने कहा कि उन्हें बीजेपी सदस्य सतनाम सिंह लवी से शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई।
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की जिला कार्य समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह ने 10 नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इनमें स्वामी प्रसाद मौर्य, देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह लोधी, सत्येंद्र कुशवाहा, महेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एस एस यादव, संतोष वर्मा, सलीम और कुछ अज्ञात लोग हैं।ओबीसी महासभा ने कहा, ‘श्रीरामचरित मानस में नारी शक्ति, शूद्र, दलित समाज और ओबीसी समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां है. हम लोग इन टिप्पणियों को श्रीरामचरित मानस से निकलवाना चाहते हैं. जब तक सभी टिप्पणियां नहीं निकाली जाएंगी, हम सभी ऐसे ही प्रदर्शन करते रहेंगे. जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘जब दुनिया चांद पर जा रही है और आगे बढ़ रही है तो कुछ लोग 85 फीसदी समाज को पीछे ले जाना चाह रहा है. ऐसे 15 फीसदी लोग हैं. कई सदियों से वो पीछे लेकर जा रहा है. इस ग्रंथ में सर्व समाज को मूर्ख बनाया गया है.’
मिली जानकारी के मुताबिक, जो भी लोग रामचरितमानस की प्रतियां जलाने में शामिल थे उन सभी को आरोपी बनाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, बीते दिनों लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में ओबीसी सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस में जो लोग शामिल थे उन्ही में से कुछ लोगों ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थी.
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देते हुए कहा था, ”रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है. यह ‘अधर्म’ है, जो न केवल भाजपा बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है.” मौर्य ने आगे कहा था, ‘रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं.” उन्होंने मांग की कि पुस्तक के ऐसे हिस्से, पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जो किसी की जाति या किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं.
उधर, स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि, “धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूंगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा.”हीं रामचरितमानस जलाए जाने को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि हिंदू धर्म को कमजोर करने का काम कभी सफल नहीं होगा. रामचरितमानस जलाना दुखद है. रामचरितमानस पर यह पहली बार हमला नहीं हो रहा है. इससे पहले भी यह लोग इस तरह की हरकत कर चुके हैं.