चालू वित्त वर्ष से मामूली गिरावट
इस साल भी चीन से आर्थिक वृद्धि के मामले में आगे रहेगा
विकसित देशों में सबसे ज्यादा नुकसान ब्रिटेन को होने का अनुमान है
(नेशनल डेस्क) रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग समेत कई वैश्विक चुनौतियों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आज इकोनॉमिक सर्वे पेश किए जाने से पहले भारत के लिए एक अहम खबर है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अगले साल के लिए अनुमान जताया है कि अगले वित्त वर्ष में भी भारत की ग्रोथ दुनिया के अन्य देशों की तुलना में तेज रहेगी. वह इस साल भी चीन से आर्थिक वृद्धि के मामले में आगे रहेगा. अगले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 फीसदी रह सकती है. खास बात यह है कि आईएमएफ के अनुमान के तहत सिर्फ भारत में ही आर्थिक वृद्धि दर 6 फीसदी से ज्यादा रहने वाली है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने आज मंगलवार को कहा कि वह अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ मंदी की उम्मीद कर रहा है और 31 मार्च को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष के दौरान विकास दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जबकि अगले वित्त वर्ष में यह दर 6.1 फीसदी रह सकती है. आईएमएफ ने आज अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक का जनवरी अपडेट जारी किया, जिसके अनुसार वैश्विक विकास 2022 में अनुमानित 3.4 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 2.9 प्रतिशत होने का अनुमान जताया गया है, फिर 2024 में बढ़कर 3.1 प्रतिशत हो जाएगा.
आईएमएफ के अनुमान के अनुसार विकसित देशों में सबसे ज्यादा नुकसान ब्रिटेन को होने का अनुमान है. पिछले लंबे समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहे ब्रिटेन की साल 2023 में आर्थिक वृद्धि दर माइनस में जाने की उम्मीद है. ब्रिटेन में यह दर इस साल -0.6 रहने का अनुमान है. अगले साल 2024 में उसके लिए स्थिति थोड़ी बेहतर होगी क्योंकि उसकी वृद्धि दर प्लस में आ जाएगी, हालांकि यह दर बढ़कर 0.9 फीसदी हो जाएगी.
जहां तक अमेरिका में आर्थिक वृद्धि दर की बात है कि आईएमएफ के मुताबिक, यहां पर यह दर 1.4 फीसदी रहेगा जो अगले साल 2024 में घटकर 1.0 फीसदी तक रह जाएगी. वहीं यूक्रेन के साथ जंग छेड़कर वैश्विक स्तर पर कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे रूस के लिए भी यह साल बहुत अच्छा नहीं रहेगा. हालांकि पिछले साल की तुलना में थोड़ी सी वृद्धि जरूर दिखाई देगी.