बाल विवाह के खिलाफ एक्शन में असम सरकार
बाल विवाह के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी
असम पुलिस ने अब तक 1,800 लोगों को गिरफ्तार किया है
(नेशनल डेस्क) असम में बाल विवाह को लेकर पुलिस ने मुहिम छेड़ रखी है. असम पुलिस ने बाल विवाह के खिलाफ व्यापक मुहिम के तहत अब तक 1,800 लोगों को गिरफ्तार किया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पुलिस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी. हिमंता बिस्वा सरमा ने यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों को बताया कि राज्य भर में शुक्रवार सुबह से मुहिम शुरू की गई और यह अगले तीन-चार दिन तक जारी रहेगी.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम में बाल विवाह पर व्यापक कार्रवाई में अब तक 1,800 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कार्रवाई सुबह तड़के शुरू हुई और यह अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने असम पुलिस से इस खतरे के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस की भावना’ के साथ कार्रवाई करने को कहा है।
असम सीएम ने ट्वीट कर कहा- “बाल विवाह निषेध अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वर्तमान में राज्यव्यापी गिरफ्तारी चल रही है। अब तक 1800 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मैंने असम पुलिस से महिलाओं पर अक्षम्य और जघन्य अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की भावना के साथ कार्य करने को कहा है।”
आपको बता दें कि बाल विवाह करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा. अगर लड़के की उम्र भी 14 साल से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा क्योंकि नाबालिगों को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता. मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने इससे पहले कहा था कि ऐसे विवाह में शामिल पुजारी, काजी और परिवार के सदस्यों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा.
सरमा ने राज्यव्यापी पुलिस कार्रवाई पर पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह की मौजूदगी में सभी पुलिस अधीक्षकों के साथ डिजिटल बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने लोगों से इस कुरीति से मुक्ति के लिए सहयोग और समर्थन की अपील की.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर सर्वाधिक है और बाल विवाह इसका प्रमुख कारण रहा है. राज्य में दर्ज विवाह में से 31 प्रतिशत मामले निषिद्ध आयुवर्ग के हैं.असम में बाल विवाह के कारण मातृ और शिशु मृत्यु दर की काफी ज्यादा है। सरकार का मानना है कि उच्च शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर का मुख्य कारण बाल विवाह है। राज्य में औसतन 31 प्रतिशत विवाह कम उम्र में ही होत जाते हैं। इसी को सरकार रोकने के लिए अब एक्शन ले रही है।