गैंगस्टर की संपत्ति कुर्क
अर्जी को विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर अधिनियम ने कर दिया खारिज़
9 लाख 18 हजार रुपये की कुर्क प्रापर्टी को विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट ने किया सरकार के हक में
(उत्तर प्रदेश डेक) बुलंदशहर में सरकार के निर्देश पर गिरोहबंद गैंगस्टर्स पर गैंगस्टर एक्ट के तहत चल रही कार्रवाई में सरकार की बड़ी जीत हुई है। यहां कुर्क संपत्ति को बचाने के लिये आरोपियों की लगाई अर्जी को विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर अधिनियम ने खारिज़ कर दिया। यूपी में संगठित अपराध, गोकशी और नशाखोरी जैसे धंधों से अर्जित की गई संपत्तियों को माफ़िया अब बचा नहीं सकेंगे।
गोकशी की घटनाओं में शामिल मकसूद पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. मकसूद की 9 लाख 18 हजार रुपये की कुर्क प्रापर्टी को विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट ने सरकार के हक में किया. गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14(1) के तहत कुर्क की गई संपत्ति को बचाने के लिए अपील की गई थी. इसके बाद गैंगस्टर कोर्ट ने डीएम बुलंदशहर के आदेश और पुलिस की कार्रवाई पर मुहर लगाई
गोकश मक़सूद कोर्ट में कोई ऐसा साक्ष्य पेश नहीं कर पाया, जिससे यह साबित हो सके कि संपत्ति अवैध धंधों से कमाए गए धन से अर्जित नहीं हुई है। मक़सूद ने 13 जनवरी 2023 से को अपनी आपत्ति में कहा कि ज़िला प्रशासन ने उस संपत्ति को कुर्क किया है, जिसका मालिकाना हक़ उसके पिता अब्दुल हक के पास है। जबकि जिस मकान को कुर्क किया गया, उसमें मक़सूद का कोई हक नहीं है। अपील में मक़सूद ने दावा किया कि क़रीब 9 लाख 18 हज़ार की क़ीमत वाले जिस मकान को कुर्क किया गया, वह उसके पिता ने क़रीब 34 साल पहले बनवाया था, जबकि मकान में कोई पुनः निर्माण नहीं किया गया है। अपील में विपक्षी मक़सूद ने गैंगस्टर एक 14(1) कार्रवाई को एकपक्षीय और नियम के विरुद्ध बताया था।
राज्य की ओर से अभियोजन ने उपरोक्त आपत्ति का विरोध करते हुए ये कहा कि जिलाधिकारी ने तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया था। बता दें कि गैंगस्टर एक्ट कोर्ट में पुलिस-प्रशासन द्वारा पेश किये गए तमाम सबूतों से साबित होता है कि गैंगस्टर मक़सूद एक शातिर किस्म का अपराधी है। उसका 8 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है, जिसमें मकसूद के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम, गोवध निवारण अधिनियम, गुंडा अधिनियम, घर में चोरी जैसे मुकदमे दर्ज हैं। सबूतों के आधार पर यह साबित हुआ कि अपराधिक वारदातों से कमाए अवैध धन से कुर्क किए गए मकान का पुनः निर्माण भी कराया गया था।
तमाम सबूतों के बाद कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा कि गोकश मकसूद के अपराधिक इतिहास से स्पष्ट है कि उसके द्वारा वर्ष 2018 से चोरी, गौवध और नशीले पदार्थ संबधी अपराध किए गए हैं, जिनका प्रथम दृष्टया उद्देश्य अवैध आर्थिक और भौतिक लाभ प्राप्त करना है। इसी के चलते विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर अधिनियम बुलंदशहर प्रशांत मित्तल ने मक़सूद की अपील को ख़ारिज करते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया।