गोपाल दास को झारसुगुड़ा जेल से किया शिफ्ट
सीटीवी की निगरानी में रहेगा दास
नार्को टेस्ट की रिपोर्ट का है इंतजार
नेशनल डेस्क: ओडिशा के मंत्री नव किशोर दास की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या करने वाले बर्खास्त सहायक उप निरीक्षक गोपाल दास को मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच झारसुगुड़ा उपजेल से कटक के चौद्वार सर्कल जेल स्थानांतरित कर दिया गया। एक शीर्ष जेल अधिकारी ने यह जानकारी दी।
महानिदेशक मनोज छाबड़ा ने बताया कि गोपाल दास को कटक की जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है, क्योंकि उसने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए इसके लिए अनुरोध किया था। पूर्व मंत्री पर कथित तौर पर गोली चलाने के बाद दास को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था और पुलिस की अपराध शाखा को दी गई 13 दिन की हिरासत पूरी होने के बाद आरोपी को झारसुगुड़ा में जेल भेज दिया गया था। पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है।
पूर्व मंत्री पर कथित तौर पर गोली चलाने के बाद दास को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था और पुलिस की अपराध शाखा को दी गयी 13 दिन की हिरासत पूरी होने के बाद आरोपी को झारसुगुड़ा में जेल भेज दिया गया था। पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है।
पूर्व एएसआई को हाल में पॉलीग्राफ और नार्को एनालिसिस टेस्ट के लिए गुजरात के गांधीनगर ले जाया गया था और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत उसका बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी के सामने दर्ज किया गया था। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि दास ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
इस दौरान नियम अनुसार एक बंद कमरे में मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में गोपाल ने अकेले में अपना बयान दर्ज कराया। अदालत में करीब एक घंटें रहने के बाद जेएमएफसी कोर्ट ने जेल डीजी की सिफारिश पर गोपाल को झारसुगुड़ा जिला उपकारागार से कटक के चौदवार स्थानांतरित करने का आदेश जारी कर दिया।
आरोपित गोपाल को जिला उपकारागार में जान का खतरा था। उसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने उसे झारसुगुड़ा से चौदवार जेल स्थानांतरित की मंजूरी दी। इसके बाद कड़ी सुरक्षा में गोपाल को जिला उपकारागार ले जाया गया, जहां से अपरान्ह एक बजे पुलिस अधिकारी व एक प्लाटून पुलिस फोर्स की सुरक्षा में झारसुगुड़ा से सड़क मार्ग द्वारा चौदवार ले गए।
नव दास हत्याकांड की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम ने गोपाल को तीन बार में कुल 13 दिन की रिमांड पर लेकर हत्याकांड के रहस्य को जानने के लिए लंबी पूछताछ की थी। गुजरात के गांधीनगर स्थित डीएसएल लैब ले जाकर उसका पोलीग्राफ व नार्को टेस्ट भी कराया, ताकि पूछताछ में गोपाल ने वाकई सच कहा है या नहीं। इसी के साथ दिल्ली व बेंगलुरु से आए मानसिक रोग विशेषज्ञों से उसकी मानसिक स्थिति की जांच कराई गई थी।
गोपाल केवल यही कह रहा है की मेरी पर्सनल दुश्मनी थी। इसलिए मैंने नव दास को मारा है, मगर इसके पीछे वही कारण है या कुछ और रहस्य छिपा है, यह नहीं बता पा रहे। फिलहाल, अगले हफ्ते आने वाले गोपाल की पोलीग्राफ व नार्को टेस्ट की रिपोर्ट का सभी को इंतजार है, जिसके बाद यह साफ हो पाएगा कि गोपाल सच बोल रहा है या नहीं।